तेहरान, 27 फरवरी (आईएएनएस)। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि अमेरिका को चाहिए कि वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रही आमने-सामने की बातचीत पर अपने दृष्टिकोण दुरुस्त कर ले।
प्रेस टीवी की रपट के मुताबिक, रूहानी ने गुरुवार को पवित्र शहर कोम में कहा, “अमेरिका को परमाणु मुद्दे पर ईरान के खिलाफ उठाए गए अपने गलत कदमों को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।”
रूहानी ने कहा, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए विवाद के पीछे अमेरिका था, क्योंकि इसने 2004 के अंत में ईरान और तीन यूरोपीय देशों (ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी) के बीच परमाणु समझौता पूरा होने में बाधा डाल दी थी।
रूहानी ने कहा कि ईरान विश्वशक्तियों के ‘पी5 प्लस1’ समूह के साथ बातचीत कर अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम अपने दुश्मनों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को बाचतीच के माध्यम से हटाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि प्रतिबंध अन्यायपूर्ण हैं, क्रूर और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले हैं और इनको समाप्त करने के लिए बातचीत ही सबसे उत्तम जरिया है।”
रूहानी ने कहा कि अगर जारी परमाणु वार्ता किसी समझौते तक नहीं पहुंचती है तो दुनिया जान ले कि इसके लिए दूसरा पक्ष जिम्मेदार होगा।
रूहानी ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने स्वीकार किया है और कांग्रेस को बताया है कि अगर वे ईरान के साथ परमाणु वार्ता में विफल हो जाते हैं तो वे अगल-थलग पड़ जाएंगे।
अमेरिका और ईरान के प्रतिनिधियों ने इसी सप्ताह के प्रारंभ में स्विटजरलैंड के जेनेवा में बातचीत शुरू की है।
जेनेवा में सोमवार को बातचीत खत्म होने के बाद ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने कहा कि ईरान और ‘पी5 प्लस1’ देशों के वार्ताकारों के बीच इसी शहर में दोबारा बातचीत शुरू होगी। ‘पी5 प्लस1’ समूह में ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, अमेरिका और जर्मनी शामिल हैं।