Wednesday , 17 April 2024

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इंटरनेट निरपेक्षता के लिए हो समान नियम : उद्योग

नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को इंटरनेट निरपेक्षता पर अपने विचार रखने की सीमा के आखिरी दिन शुक्रवार को उद्योग के हितधारकों ने मुफ्त और समान रूप से इंटरनेट उपलब्ध कराए जाने की सलाह दी, लेकिन साथ ही सभी क्षेत्र की कंपनियों के लिए ‘समान सेवा, समान नियम’ वाली व्यवस्था लागू किए जाने की मांग रखी।

भारती एयरटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्ठल ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम उपभोक्ता हित के पक्ष में हैं। हम किसी साइट को अवरुद्ध करने में विश्वास नहीं करते हैं। हम इंटरनेट निरपेक्षता के लिए समर्पित हैं।”

संवाददाता सम्मेलन में दूरसंचार कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि ‘समान सेवा, समान नियम’ वाली व्यवस्था सभी क्षेत्र की कंपनियों के लिए लागू होनी चाहिए, न कि सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों के लिए। दूरसंचार कंपनियों द्वारा चुकाए जाने वाले लाइसेंस शुल्क जैसे शुल्क ऑवर द टॉप (ओटीपी) सेवा प्रदाताओं पर भी लागू होनी चाहिए, जो अन्य सेवाओं के साथ-साथ वॉयस और टेक्स्ट टेलीफोनी सेवा देते हैं।

ट्राई ने मार्च में विभिन्न हितधारकों से ओटीपी सेवाओं को नियमित किए जाने के मुद्दे पर राय मांगी थी, जिसे भेजे जानेीक आखिरी तिथ 24 अप्रैल थी और इस पर जवाबी तर्क रखने की आखिरी तिथि 8 मई है।

नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) ने कहा कि वह इंटरनेट निरपेक्षता का समर्थन करता है और मानता है कि इंटरनेट को खुला, मुफ्त और नवाचार युक्त बनाने के लिए यह जरूरी है।

एनआईएक्सआई ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा, “दूरसंचार कंपनियों द्वारा एप्लीकेशनों या सामग्रियों को चुन-चुन कर लक्षित करने से इंटरनेट की बुनियादी अवधारणा दुष्प्रभावित होगी।”

सीओएआई के संवाददाता सम्मेलन में एयरसेल, एयरटेल, आईडिया सेल्युलर, टेलीनॉर, वीडियोकॉन और वोडाफोन इंडिया के प्रतिनिधि शामिल थे।

एयरसेल के हिमांशु कपानिया ने कहा कि दूरसंचार उद्योग ओटीटी सेवाओं या नए एप्स के लिए नए लाइसेंस लेने की शर्त की मांग नहीं करता है, लेकिन चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें खुली छूट दिए जाने से दूरसंचार उद्योग में भविष्य में निवेश प्रभावित होगा।

इंटरनेट निरपेक्षता का मतलब यह है कि वर्ल्ड वाइड वेब का उपयोग करते समय उपयोगकर्ता इसके लिए पूरी आजादी महसूस करे कि वह किस प्रकार से ऑनलाइन होगा, इंटरनेट पर कहां जाएगा और क्या करेगा, बशर्ते उसकी गतिविधि वैध हो। इसके तहत इंटरनेट पर सभी वैध सामग्रियों के साथ निरपेक्ष व्यवहार होना चाहिए।

वोडाफोन के सुनील सूद ने कहा, “सरकार को खेल के नियम तय करने दीजिए।”

सीओएआई ने शुक्रवार को एक समर्पित पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सबका इंटरनेट डॉट इन लांच करते हुए ‘सबका इंटरनेट, सबका विकास’ नारे की घोषणा की।

इंटरनेट निरपेक्षता के लिए हो समान नियम : उद्योग Reviewed by on . नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को इंटरनेट निरपेक्षता पर अपने विचार रखने की सीमा के आखिरी दिन शुक्रवार को उद्योग के ह नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को इंटरनेट निरपेक्षता पर अपने विचार रखने की सीमा के आखिरी दिन शुक्रवार को उद्योग के ह Rating:
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