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कश्मीरियों पर हमले रोकने के लिए कदम उठाएं : सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों, खास तौर से कश्मीरी छात्र-छात्राओं को धमकी, उन पर हमले व बहिष्कार को रोकने को लेकर शुक्रवार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों व पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सर्वोच्च न्यायालय ने तारिक अदीब की जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र व 11 राज्यों को नोटिस जारी किया।

अदीब ने अपनी याचिका में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर एक आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने बाद की घटनाओं पर ध्यान देने का आग्रह किया है। इसमें मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय द्वारा कश्मीरियों के बहिष्कार के आह्वान की बात भी शामिल है।

गृह मंत्रालय (एमएचए) को राज्यों को जारी किए गए परामर्श का व्यापक प्रचार करने की बात कहते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा, “कश्मीरियों व दूसरे अल्पसंख्यकों के बहिष्कार, धमकी व हमले के सभी कृत्यों को नोडल अधिकारियों के ध्यान में लाया जा सके और जरूरी कदम उठाए जाएं।”

महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि नोडल अधिकारी पहले से ही राज्यों में 2016 से नियुक्त हैं और इन अधिकारियों की एक सूची पीठ के समक्ष प्रस्तुत है।

वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले ही एडवाइजरी (परामर्श) जारी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसमें निर्देश जारी नहीं किए जा सकते क्योंकि कानून व व्यवस्था राज्य के अधीन है।

अदालत ने कहा कि नोडल अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए और जम्मू एवं कश्मीर के लोगों खास तौर से छात्रों व अन्य अल्पसंख्यक वर्ग के खिलाफ भेदभाव, हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।

कश्मीरियों पर हमले रोकने के लिए कदम उठाएं : सर्वोच्च न्यायालय Reviewed by on . नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों, खास तौर से कश्मीरी छात्र-छात्राओं को धमकी, उन पर हमले व बह नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों, खास तौर से कश्मीरी छात्र-छात्राओं को धमकी, उन पर हमले व बह Rating:
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