नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। पेटीएम ने सोमवार को घोषणा की है कि भारत भर के व्यापारी क्यूआर कोड आधारित भुगतान समाधान का उपयोग कर डिजिटल भुगतान स्वीकार कर सकें, इसलिए यह 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी।
कंपनी जनशक्ति, तकनीकी और व्यापारी शिक्षा को बढ़ाने में निवेश कर रही है ताकि वे पहली बार डिजिटल व्यवहार कर सकें और औपचारिक अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा बन सकें।
पेटीएम का क्यूआर कोड आधारित भुगतान समाधान वर्तमान में पहले से ही 50 लाख लोगों को सशक्त बना रहा है और ग्राहकों के द्वारा किराना स्टोर, टोल, फूड कोर्ट, अस्पताल और बड़े खुदरा दुकानों पर अपने रोजमर्रा जीवन का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बिना लागत वाले पीओएस टर्मिनल और शून्य लेनदेन शुल्क वाले विशाल पेटीएम उपयोगकर्ता आधार का मिश्रण एक ऐसा समाधान बनाता है जो सभी बड़े और छोटे व्यापारियों के लिए एक व्यवहार्य और आकर्षक भुगतान विकल्प बनाता है।
कंपनी प्रति माह लगभग दस लाख व्यापारियों को अपने साथ जोड़ रही है और देश के 650 जिलों में 1 करोड़ से अधिक व्यापारियों का लक्ष्य बना है। इसके क्यूआर कोड आधारित ऑफलाइन भुगतान की शुरूआत के एक साल के भीतर, यह पहले से ही अपने मंच पर समग्र लेनदेन का लगभग 65 प्रतिशत तक हिस्सा रखती है।
इस पर पेटीएम के सीनियर उपाध्यक्ष किरण वासिरेड्डी ने कहा, “हम डिजिटल भुगतान को लोकतांत्रिक बनाने के मिशन पर हैं। हमारी शून्य प्रतिशत व्यापारी लेनदेन शुल्क के साथ एक आक्रामक व्यापारी अधिग्रहण की दर हमें देश के हर नुक्कड़ और कोने में क्यूआर कोड आधारित भुगतान को ले जाने में मदद मिलेगी। इसे लेकर हम इस कैलेंडर वर्ष को 600 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।”