Tuesday , 23 April 2024

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ग्रीनपीस के समर्थन में कार्यकर्ता एकजुट

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। देशभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे कथित सरकारी दमन की निंदा की। दमन के खिलाफ 180 संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।

पत्र में सामाजिक न्याय और गरीब-मजलूमों के अधिकार के लिए आंदोलन का इतिहास रखने वाले संगठनों पर हो रही दमन की कार्रवाई को शर्मनाक और निराशाजनक कहा है।

पत्र में कहा गया है, “सरकार का यह कदम चौंकाने वाला है, क्योंकि स्पष्ट न्यायिक घोषणाओं के बावजूद सरकार ने ग्रीनपीस इंडिया के खिलाफ तीसरी बार कार्रवाई की है। सरकार की यह कार्रवाई उन गंभीर मुद्दों से भटकाने का प्रयास है जिसे ग्रीनपीस इंडिया और दूसरे अनेक जन आंदोलन लगातार उठाते रहे हैं।”

पत्र के अनुसार, इन मुद्दों में जंगल पर निर्भर आदिवासियों के अधिकारों का सम्मान और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ नीतियों की तरफ बढने की मांग करना शामिल है, जिसमें जलवायु परिवर्तन, बड़े स्तर पर खनन, लोगों के विस्थापन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इस तरह के मुद्दे पर्यावरण, टिकाऊ जन जीवन से भी जुड़ा हुआ है।

गृह मंत्रालय द्वारा कथित रुप से राजस्व विभाग को पत्र लिखकर ग्रीनपीस के चैरिटी स्टेट्स और सोसाइटी पंजीकरण को खत्म करने की मांग पर जवाब देते हुए ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक समित आईच ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी, संवैधानिक अधिकारों और लोकतंत्र पर हमला बताया।

समित ने कहा, “अब नए हमले में ग्रीनपीस के चैरिटी स्टेट्स पर सवाल खड़े करने का सरकार के पुराने रवैये जिसमें ग्रीनपीस के फंड अवरुद्ध किया गया था और प्रिया पिल्लई को ऑफलोड कर दिया गया था की तरह ही कोई औचित्य नहीं है। ग्रीनपीस इंडिया के पास छिपाने के लिये कुछ भी नहीं है और हमलोग लगातार टिकाऊ विकास व भारतीयों के भविष्य के लिए आंदोलन करते रहेंगे। इस तरह के दमन से हम और मजबूत ही होते हैं”।

पुणे में भी मंगलवार को सिविल सोसाइटी सदस्यों ने ग्रीनपीस इंडिया के समर्थन में एक प्रेस सम्मेलन आयोजित किया। गृह मंत्रालय के हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रीनपीस इंडिया बोर्ड अध्यक्ष और कल्पवृक्ष के आशीष कोठारी ने कहा, “गृह मंत्रालय द्वारा ग्रीनपीस इंडिया के खातों को बंद करना और उसके अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू फंड पर रोक लगाना स्पष्ट रुप से अभिव्यक्ति की आजादी और संवैधानिक अधिकारों का हनन है।”

“इस कार्रवाई को सिविल सोसाइटी को दिए गए चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है कि अगर वे विकास की नीतियों से असहमत होते हैं तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह भारत के लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है”।

सामाजिक कार्यकर्ताओं में मेधा पाटेकर, अचिन वनायक, हर्ष मंदर, अरुणा रॉय, निखिल डे, बिट्टू सहगल, आशीष कोठारी, ललिता रामदास और कई दूसरे लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह मनमाने और अलोकतांत्रिक कार्रवाई को बंद करे तथा भारतीय नागरिकों को मिले अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान करे।

ग्रीनपीस के समर्थन में कार्यकर्ता एकजुट Reviewed by on . नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। देशभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे कथित सरकारी दमन की निंदा की। दमन के खिलाफ 180 संगठनों और स नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। देशभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर ग्रीनपीस इंडिया पर हो रहे कथित सरकारी दमन की निंदा की। दमन के खिलाफ 180 संगठनों और स Rating:
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