राज्यपाल ने इस मौके पर कहा, “शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए जो शहादत दी, वह सचमुच अतुलनीय और अविस्मणीय है। देश के प्रति उनके योगदान को हम सब याद करें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए उनके सपनों को साकार करने का प्रयास करें।”
रमन सिंह ने कहा, “देश की आजादी और मातृभूमि के प्रति उनका समर्पण और बलिदान युगों-युगों तक याद रहेगा। सोनाखान के वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी और भारत माता के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने 1857 के प्रथम भारतीय स्वंतत्रता संग्राम के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता में देशभक्ति की भावना का संचार किया था और आम जनता के क्रांतिकारी नायक बनकर उभरे थे। उनके मन में गरीबों और वंचितों के प्रति करुणा और परोपकार की भावना प्रबल थी, जिसके चलते उन्होंने 1856 के भयानक अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कठिन संघर्ष किया और अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास में वीर नारायण सिंह के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।