गौरतलब है कि मंतूराम पवार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वे विधायक भी रह चुके हैं। वर्ष 2014 में संपन्न हुए अंतागढ़ विधानसभा उप चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार भी थे। लेकिन ऐन मतदान के दो दिन पहले अचानक नाम वापस लिए जाने पर प्रदेशभर में खलबली मच गई। उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को एकतरफा जीत मिली। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मंतूराम के इस कृत्य से काफी नाराज भी हुए थे।
तभी से अटकलें लगाई जा रही थीं कि मंतूराम भाजपा में प्रवेश कर सकते हैं। आज सभी अटकलों को विराम लगाते हुए मंतूराम ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष पार्टी में शामिल हो गए।