Friday , 19 April 2024

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छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री पर प्रतिबंध नहीं

वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग के अधिकारियों ने बताया, “रजिस्ट्रीकरण के लिए अनिवार्य बिन्दु, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अतिरिक्त रजिस्ट्रीकरण नियमों में ही विधिक रूप से निर्धारित हैं। इन नियमों को कम्प्यूटरीकृत ई-पंजीयन प्रणाली का भाग बना लिया गया है। रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के नियम 19 (ण) और 19 (त) में जमीन की पहचान के लिए बी-1/खसरा/भू-खण्ड का लेख किया जाना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रत्येक भूमि के कुल रकबे में से कितना रकबा रजिस्ट्री के लिए विचार में लाया जा रहा है, का भी स्पष्ट उल्लेख एवं चिन्हांकन होना अनिवार्य। जमीन किसके नाम पर वर्तमान में दर्ज है और उसके रकबा संबंधी जानकारी, राजस्व विभाग के अभिलेखों से प्राप्त होती है।”

अधिकारियों ने कहा, “पंजीयन की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले साल 2017-18 में अप्रैल से जून तक 14 हजार 347 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि चालू वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में 16 हजार 044 दस्तावेज पंजीकृत हुए हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत ज्यादा है।”

अधिकारियों ने बताया, “दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रिकरण नियम-19 के तहत कृषि भूमि, भवन/भूखण्ड के दस्तावेजों के संबंध में, राजस्व विभाग की ओर से कम्प्यूटरीकृत बी-1, पांचसाला, खसरा ही मान्य होगा तथा उक्त विक्रित सम्पत्ति के खसरों एवं रकबों का राजस्व विभाग के भुइयां साफ्टवेयर से सत्यापन होना भी अनिवार्य है। उक्त साफ्टवेयर में कृषि भूमि के साथ नजूल एवं व्यपवर्तित भूमि का सत्यापन भी किया जाना अनिवार्य है। भूमि के पंजीयन के लिए भूमि संबंधित दस्तावेज के रूप में, पक्षकारों द्वारा पटवारी के हाथ से लिखा हुआ मैन्युएल नकल न ले जाकर, कम्प्यूटरीकृत नकल, प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह कम्प्यूटरीकृत नकल भुइयां वेबसाईट से कोई भी प्राप्त कर सकता है।”

छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री पर प्रतिबंध नहीं Reviewed by on . वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग के अधिकारियों ने बताया, "रजिस्ट्रीकरण के लिए अनिवार्य बिन्दु, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अतिरिक्त रजिस्ट्रीकरण नियमों में ही विधिक रूप वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग के अधिकारियों ने बताया, "रजिस्ट्रीकरण के लिए अनिवार्य बिन्दु, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अतिरिक्त रजिस्ट्रीकरण नियमों में ही विधिक रूप Rating:
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