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दिल्ली में तालियों की गडगडाहट में डूबा नोवोसिबिर्स्क बैले

December 30, 2014 4:50 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on दिल्ली में तालियों की गडगडाहट में डूबा नोवोसिबिर्स्क बैले A+ / A-

9Balet-Indiya_titleनोवोसिबिर्स्क बैले और ओपेरा राजकीय अकादमी थिएटर की शानदार प्रस्तुति के साथ भारत में चल रहे रूसी संस्कृति महोत्सव का समापन हुआ| इस संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन नई दिल्ली के सर्वोत्तम हॉल ‘सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम’ में किया गया और उसे देखने लगभग दो हज़ार दर्शक पहुंचे|

अल्पसंख्यक मामलों की कैबिनेट मंत्री नजमा हेपतुल्ला, भारतीय संस्कृति सम्बन्ध परिषद् के मुख्य निदेशक सतीश मेहता, भारत में रूस के राजदूत ए०एम० कदाकिन, अंतर्राष्ट्रीय रोरिक केंद्र मॉस्को के प्रमुख ए०पी० लस्यूकोव इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि थे| कार्यक्रम देखने के लिए स्वतंत्र राष्ट्र मंडल के सदस्य राष्ट्रों के राजदूत, भारत के राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियाँ, बड़े व्यवसायी, तथा भारतीय और दिल्ली में रहने वाले रूसी नागरिक पहुंचे| नई दिल्ली स्थित रूसी विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र के तहत कार्यरत रूसी बैले स्कूल के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में यह प्रस्तुति देखने के लिए इकठ्ठा हुए|

मेरियस पेतिपा द्वारा निर्देशित नृत्यों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया| थिएटर के सभी प्रमुख कलाकारों ने मंच पर प्रस्तुतियाँ दीं| राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव ‘गोल्डन मास्क’ के छात्र और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता सेर्गेई पोलुनिन को दर्शकों की भारी वाहवाही प्राप्त हुई| कार्यक्रम के अंत में उत्साही दर्शकों ने खड़े होकर देरतक तालियों की गडगडाहट और ‘ब्रावो’ चिल्ला चिल्ला कर कलाकारों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया|

पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए सेर्गेई पोलुनिन ने स्वीकार किया कि हालांकि वह पहली बार भारत आये हैं, लेकिन इस देश के साथ उनके सम्बन्ध लम्बे समय से बने हुए हैं| उन्होंने कहा कि बचपन में जिस नृत्य ने उन्हें सबसे पहले प्रभावित किया था, वह था फिल्म ‘डिस्को डांसर’ का नृत्य| उस समय मैं केवल 5 वर्ष का था, लेकिन बॉलीवुड़ मुझे अब तक बहुत पसंद है|

भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् के मुख्य निदेशक सतीश मेहता ने कहा कि रूसी महोत्सव निर्विवाद इस वर्ष की सबसे लोकप्रिय और यादगार सांस्कृतिक घटना रही| हमें इस बात की खुशी है कि उत्सव के रंगारंग और भावपूर्ण कार्यक्रम का समापन प्रसिद्द रूसी बैले द्वारा किया गया| भारत के कला प्रेमियों के बीच यह अत्यंत ही लोकप्रिय है|

भारत में रूसी संस्कृति महोत्सव का उदघाटन मॉस्को स्टेट शैक्षणिक रंगमंच के लोकसंगीत समूह ‘ग्झेल’ द्वारा 5 नवम्बर को किया गया| महोत्सव के दौरान दिल्ली तथा भारत के कुछ अन्य नगरों में बरोदीन नामक स्ट्रिंग आर्केस्ट्रा ने शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम पेश किये तथा सेर्गेई ओब्रज्त्सोव के कठपुतली थिएटर ने ‘असामान्य कॉन्सर्ट’ नामक अद्वितीय नाटक की प्रस्तुतिया दीं|

वर्ष 2015 में रूस में भारतीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किया जाएगा|

रेडिओ रूस से

 

 

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