मुंबई, 22 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास पिछले चार साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया से बातचीत का प्रत्यक्ष रूप से कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस बात का खुलासा शुक्रवार को यहां सूचना का अधिकार (आरटीआई) द्वारा मांगी गई जानकारी से हुआ।
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आठ दिसंबर 2018 को इस संबंध में जानकारी मांगी थी। उन्होंने 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से उनकी मीडिया से बातचीत, लाइव इंटरव्यू, प्रेसवार्ता की जानकारी मांगी थी।
गलगली ने इस बात की भी जानकारी मांगी थी कि कितने मीडिया प्रतिनिधि या मीडिया हाउस ने इंटरव्यू या मुलाकात के लिए आग्रह किया था और किन-किन को लाइव या रिकॉर्डेड इंटरव्यू करने की अनुमति प्रदान की गई।
गलगली ने आईएएनएस को बताया, “पीएमओ में अपर सचिव प्रवीण कुमार ने सात जनवरी को दिए जवाब में शीघ्र जानकारी देने का वादा किया, लेकिन 68 दिन बीत जाने पर भी कोई जवाब नहीं आया। इसलिए मैंने आरटीआई के तहत पहली अपील दायर की।”
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि इस बार कुमार ने शीघ्रता से यह बताते हुए जवाब दिया कि मोदी की प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत व्यवस्थित और अव्यवस्थित (स्ट्रक्चर्ड एंड अनस्ट्रक्चर्ड) दोनों थी, इसलिए मांगी गई सूचना का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
गलगली ने कहा, “यह अजीब बात है। पीएमओ से त्वरित जवाब की अपेक्षा की जाती है, लेकिन वांछित विवरण प्रदान करने में जानबूझकर विलंब किया गया। प्रथम अपील के बाद जो जानकारी उपलब्ध करवाई भी गई, वह भी गुमराह करने वाली और आंशिक लग रही है।”
आरटीआई कार्यकर्ता के अनुसार, पीएमओ ने जानकारी देने से इनकार कर अप्रत्यक्ष रूप से मोदी को असहज स्थिति में ला दिया है।