नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। परिवहन गतिविधियों में कमी, तकनीकी में सुधार व यातायात स्रोतों को भीड़ वाले इलाके से स्थानांतरित करना बेहतर शहर नियोजन के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं। इन उपायों से दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। परिवहन गतिविधियों में कमी, तकनीकी में सुधार व यातायात स्रोतों को भीड़ वाले इलाके से स्थानांतरित करना बेहतर शहर नियोजन के लिए कुछ प्रमुख उपाय हैं। इन उपायों से दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
यह जानकारी एक प्रमुख स्वास्थ्य व चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने शुक्रवार को दी।
दिल्ली व इसके आसपास के इलाके के नागरिक लगातार बदतर होती हवा की गुणवत्ता से परेशान हैं। इस समस्या को लेकर जार्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ ने एक बयान में कहा कि वायु प्रदूषण भारत में लोगों की एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है। यह समस्या खास तौर से उत्तरी इलाके में है।
बयान में कहा गया, “टिकाऊ सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधान की जरूरत है।” इसमें बताया गया कि प्रदूषण मौत के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है।
जॉर्ज इंस्टीट्यूट इंडिया के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर विवेकानंद झा ने कहा, “वास्तव में प्रदूषण एचआईवी-एड्स, टीबी व मलेरिया की तुलना में ज्यादा लोगों को मारता है। आर्थिक दृष्टि से वैश्विक तौर पर प्रदूषण की अनुमानित लागत करीब एक साल में 26,760 करोड़ रुपये है, इससे समय पूर्व मौत, स्वास्थ्य पर ज्यादा व्यय व खराब गुणवत्ता वाला जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है।”