नई दिल्ली, 23 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ को मौलिक सिद्धांत करार देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत के हालिया सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमानित वृद्धि दर ने इसे दुनिया के सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है, जहां महंगाई में रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, “ताजा अनुमानों के मुताबिक, हमारा जीडीपी 7.4 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जिसने भारत को दुनिया के सबसे तेजी से तरक्की करने वाली अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।”
पिछले महीने सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय खातों की कंप्यूटिंग की नई विधि के तहत चालू वित्तवर्ष में जीडीपी 7.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जिसका परिणाम आर्थिक विकास दर में वृद्धि होगी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले सप्ताह अनुमान लगया था कि 2014-15 के दौरान जीडीपी विकास दर 7.4 फीसदी रहेगी, जबकि 2013-14 के दौरान यह 6.9 फीसदी थी। साथ ही पहली छमाही 2014-15 के दौरान विकास दर को संशोधित कर 7.4 फीसदी बताया था, जो पुरानी विधि से 5.5 फीसदी बताया जा रहा था।
राष्ट्रपति ने कहा, “सरकार द्वार कई कदम उठाने के कारण महंगाई और खाद्य महंगाई में रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई है।”
प्रणब ने कहा कि पिछले साल स्थिरता रहने के बाद पूंजी निर्माण में वृद्धि हुई है।
भारतीय उद्योग परिसंघ ने हालांकि इस महीने की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि पूंजी निर्माण अभी भी कमजोर स्थिति में है और उसे मजबूत करनी की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार ने देश की पूर्ण क्षमता के उपयोग के लिए पिछले नौ महीनों में व्यापक रणनीति शुरू की है। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कई विपक्षी पार्टियों द्वारा भूमि अध्यादेश का विरोध किए जाने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों और परिवारों के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है।
आतंकवाद और वामपंथी चरमवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।