भोपाल– मप्र लोकनिर्माण विभाग के मंत्री की कसावट कमजोर होने से अधिकारीयों की पौ-बारह हो गयी है.प्रमुख सचिव से लेकर अन्य अधिकारी ठेकेदारों से अमानवीय व्यवहार करने पर उतर आये हैं.
एक तो विभाग ठेकेदारों का समय पर भुगतान नहीं कर पाता ऊपर से प्रमुख सचिव ने आज्ञापालन को लेकर ठेकेदारों के काम को मुअत्तल करने का कार्य आरम्भ किया है.वे इतना भी नहीं देखते की आखिर माजरा क्या है.कल प्रमुख सचिव के कक्ष में हुई एक घटना ने तो सभी हदें पार कर दीं हुआ यह की एक पीड़ित बड़े ठेकेदार अपना परिचय देते हुए दुखड़ा बड़े साहब को सुनाने पहुंचे ,साहब ने उन्हें तुरंत दुत्कारते हुए कक्ष से बाहर जाने का फरमान सुना दिया,अचंभित ठेकेदार पहले तो सकुचाये लेकिन ये ठेकेदार साहब भी कम नहीं थे ऐसे कितने ही साहबों से इनका पाला पहले भी पड़ चुका है इन्होने साहब की मर्यादा रखते हुए अंततः कह ही दिया की आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ तब लाट साहब कुछ नरम पड़े और उनकी बातें सुनी.ठेकेदारों का कहना है की नीचे अफसर सुनते नहीं आप दुत्कारते हैं ऐसे में काम कैसे करेंगे.अब देखना है की लाट साहब अब भी अपना रवैया बदलते हैं या कुछ अच्छा करने की राह पर आते हैं.