ऊफा (रूस), 9 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेहरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय करार पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीदों के बीच ऊफा में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की। इस करार के बाद भारत ईरान से तेल का आयात बढ़ा सकता है।
ऊफा में ब्रिक्स एवं एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर गुरुवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मोदी की यह पहली द्विपक्षीय वार्ता थी। इससे पूर्व मोदी बुधवार शाम यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिले थे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स/एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की। इससे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी मजबूत होगी।”
ईरान परमाणु कार्यक्रम के मद्देनजर अमेरिका के दबाव में आकर भारत ने यहां से तेल का आयात बेहद सीमित कर दिया था। हालांकि ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थाई सदस्यों (अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस) एवं जर्मनी के बीच परमाणु करार के वादे के मद्देनजर मई महीने से भारत ने ईरान से तेल का आयात पुन: शुरू किया।
भारत, विश्व का चौथा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता राष्ट्र है और ईरान के शीर्ष तेल आयातक राष्ट्रों में शामिल है। मैंगलोर की एस्सार तेल कंपनी, पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन जैसी भारतीय कंपनियां ईरान से तेल खरीदती हैं।
मोदी और रूहानी की द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भारत रणनीतिक ईरान के चाबहर बंदरगाह के विकास में रुचि ले रहा है। भारत, अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया से होकर गुजरने वाले इस मार्ग को अपने वैकल्पिक व्यापारिक मार्ग के रूप में देख रहा है।
मोदी ने इससे पूर्व उजबेकिस्तान एवं कजाकिस्तान में चाबहर बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरीडोर से जोड़ने का प्रस्ताव रखा, जो मुंबई (भारत) को सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) से जोड़ेगा।
रूहानी से मुलाकात से पहले मोदी ने भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बातचीत की।
स्वरूप ने ट्वीट किया, “ब्रिक्स व्यापार के लिए। भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से बातचीत की।”
प्रधानमंत्री मोदी इस समय ऊफा (रूस) में हैं। वह सातवें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन और 15वें शंघाई सहयोग संगठन (एसीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए उफा में हैं।