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मोदी के लिए भाग्यशाली साबित हुई कानपुर की लकड़ी की कुर्सी

नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। कानपुर में भाजपा मुख्यालय में एक शीशे के डिब्बे (कास्केट) में लकड़ी की एक कुर्सी रखी हुई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए 2014 में भाग्यशाली साबित हुई। यह कुर्सी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पवित्र और प्रेरणा का श्रोत बन गई है।

नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। कानपुर में भाजपा मुख्यालय में एक शीशे के डिब्बे (कास्केट) में लकड़ी की एक कुर्सी रखी हुई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए 2014 में भाग्यशाली साबित हुई। यह कुर्सी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पवित्र और प्रेरणा का श्रोत बन गई है।

भाजपा की गोवा में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कानपुर में विजय शंखनाद रैली में जनसमूह को संबोधित करके की।

लकड़ी की कुर्सी, जो कि अब पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक ‘धरोहर कुर्सी’ बन गई है, इसका प्रयोग मोदी ने कानपुर के इंदिरा नगर मैदान में 19 अक्टूबर 2013 को किया था। जब तक मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे, यह एक आम कुर्सी थी।

यह अंधविश्वास हो सकता है, लेकिन भाजपा के कानपुर जिले के प्रमुख सुरेंद्र मैथानी के लिए और पार्टी के युवाओं के लिए यह एक प्रेरणा है।

तब कानपुर में पार्टी की रैली के समन्वयक मैथानी ने कहा, “मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह कुर्सी सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई। इसकी आगरा और इलाहबाद में बोली लगने वाली थी, लेकिन मैंने इसकी इजाजत नहीं दी। यह हमारे लिए पवित्र है।”

उन्होंने कहा कि पार्टी की जिला इकाई ने इस कुर्सी को धरोहर के रूप में रखने का फैसला किया, क्योंकि इसका प्रयोग मोदी ने किया था, जो भाजपा को जबरदस्त बहुमत के साथ सत्ता में लेकर आए।

उन्होंने कहा, “हमने कुर्सी में पॉलिश करवाया और उसे एक शीशे के डब्बे में रख दिया। यह अभी भी नवीन बाजार में पार्टी के जिला कार्यालय में है।”

यह पूछे जाने पर कि जब प्रधानमंत्री राज्य में अपनी चुनावी रैली की शुरुआत करने 8 मार्च को आएंगे तो क्या वह इस कुर्सी का प्रयोग करेंगे, पर उन्होंने कहा, “नहीं।”

उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए एक खड़ाऊ की तरह है। यह हमें और युवाओं को प्रेरित करता है। यह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अब धरोहर कुर्सी में तब्दील हो गया है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी तीसरी बार कानपुर आ रहे हैं। कुर्सी क्योंकि पार्टी के लिए अमूल्य संपत्ति है, इसे जिले के पार्टी कार्यालय में शीशे के चैंबर में रखा गया है।

मैथानी ने कहा कि कुर्सी न केवल मोदी के लिए बल्कि पार्टी के लिए भी बहुत उपयोगी है।

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