जयपुर, 1 मई (आईएएनएस)। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग व राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के बीच शुक्रवार को झालावाड़ में एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल आधार पर बायो-मेडिकल अकादमियों की स्थापना की जाएगी।
एमओयू पर प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा जे.सी. महांति और आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक गौरव गोयल ने हस्ताक्षर किए। इन अकादमियों में युवाओं के लिए विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। प्रथम चरण में कोटा और झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ये अकादमियां शुरू होंगी।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2015-16 के अपने बजट भाषण में बायो-मेडिकल अकादमियों की स्थापना की घोषणा की थी। एमओयू के अनुसार, इन अकादमियों में युवाओं को डायलिसिस टेक्नीशियन व नर्सेज को प्रशिक्षण देने के लिए कोर्स चलाये जायेंगे, साथ ही रोगियों को उचित शुल्क पर डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध होगी।
प्रथम चरण में स्थापित अकादमियों से प्राप्त अनुभव के आधार पर दूसरे चरण में इसी वित्तीय वर्ष में राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी बायो-मेडिकल अकादमियां शुरू की जाएंगी।
एमओयू के अनुसार, प्रत्येक बायो-मेडिकल अकादमी में 10 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध होंगी, जिनसे औसतन 600 डायलिसिस ट्रीटमेंट प्रति माह किए जा सकेंगे। अकादमी में मेडिकल ग्रेड के आरओ सिस्टम, संक्रमण से पीड़ित रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड में दो मशीनें, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा व डायलिसिस नर्सेज और डायलिसिस टेक्नीशियन के लिए ट्रेनिंग स्कूल की सुविधा उपलब्ध रहेगी।