मप्र के बुजुर्ग भाजपा कार्यकर्ता ,पूर्व मंत्री ,पूर्व मुख्यमंत्री का यह हाल है की वे अपनी बात मुख्यमंत्री एवं मप्र भाजपा अध्यक्ष से न कह पा मीडिया के माध्यम से कह पा रहे हैं.छल कपट से भरी मप्र भाजपा के राजनैतिक प्रबंधन को दुरुस्त करने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तीन दिवसीय भोपाल दौरा किया है.
सवाल अमित शाह की नियत पर भी उठते हैं क्या उन्हें पता नहीं था की मप्र के दो बुजुर्ग नेताओं को उम्र का वास्ता दे कर मंत्री पद से हटाया गया है और उस घटना के एक वर्ष बाद इसे यह कहना की ऐसा राष्ट्रिय संगठन ने नही कहा यह मप्र के प्रदेश प्रभारी ,मप्र भाजपा अध्यक्ष एवं मप्र के मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल भी दोषी हैं इतनी बड़ी राजनैतिक साजिश के रचयिता से क्या राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष माफ़ कर देंगे,क्या ऐसे साजिशकर्ता पदों पर रहने के योग्य हैं यह प्रश्न आज मप्र की जनता के मन में उठ रहा है.
आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ऐसी क्या मजबूरी है की चाल ,चरित्र ,चेहरे के दल का नेतृत्व करने करने के बाद अपनी छवि संगठन के प्रति ईमानदार घोषित कर भी इस संगठन के घोटाले को समर्थन दे रहे हैं.अमित शाह की टीम मप्र की ख़बरें उनके दौरे के पूर्व ही ले कर जा चुकी है अन्य कार्यों को छोड़ भी दिया जाय तब भी राष्ट्रीय नेतृत्व का नाम ले अपने बुजुर्ग मंत्रियों को हटाने की साजिश रचना और हटा देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इसका प्रतिफल अमित शाह उन्हें अपना वरद-हस्त दे माफ़ कर गए .
क्या आप दोनों मंत्रियों को संगठन का नाम ले झूठ बोल अपराध करने पर चारों पदाधिकारियों को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए पर बोले बाबूलाल गौर,” मैं इस जवाब के लिए छोटा हूँ लेकिन मुख्यमंत्री ने मुझे स्वयं बुला कर कहा था की मैं आपको हटाना नहीं चाहता लेकिन क्या करूँ हाई कमान का फैसला है “.
अब प्रश्न यह उठता है की संगठन के नाम झूठ बोल साजिश कर बुजुर्ग मंत्रियों को हटाने के अपराध में जब अमित शाह द्वारा माफ़ी दी जा सकती है तब अन्य अपराधों की बिसात ही क्या.
भाजपा संगठन के इस फैसले से भाजपा समर्थक हैरान हैं और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं नाम ना छापने की शर्त पर कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहा की भाजपा संगठन हमारा भगवान् है और उसके नाम पर दगा करने के अपराधियों को माफ़ी नहीं मिलनी चाहिए.
मप्र भाजपा मुख्यालय से आडवानी के नाम की उद्घाटन पट्टिका हटवा देना ,राजमाता विजयाराजे ,मुरलीमनोहर जोशी का अपमान इसी चौकड़ी के कार्यकाल में हुआ है लेकिन अमित भाई शाह को यह क्षम्य दिखता है ,अमित शाह भोपाल प्रेस वार्ता में स्वयं कह चुके हैं की वे सरल नहीं है लेकिन भाजपा संगठन के इतिहास में इतना बड़ा कलंक साफ़ करने के बजाय उसे और गहरा करने ताकि वह कभी न छूटे का अपराध अमित भाई शाह के माथे पर लगेगा.
हटाये गए बुजुर्ग मंत्री सरताज सिंह से जब पूछा गया की क्या संगठन के नाम पर धोखाधड़ी करने पर उक्त चारों को इसीफा देना चाहिए सरताज सिंह ने कहा उस समय हो सकता है भ्रमवश उन्हें यह लगा हो की ऐसा निर्णय है किन्तु अब स्पष्ट हो गया है की ऐसा नहीं है अतः हमें पुनः मंत्री बनाना होगा ,अभी मुख्यमंत्री से बात नहीं हुई है वे वयस्त हैं अमित शाह के जाते ही हम अपना पक्ष रखेंगे.
अनिल सिंह भोपाल से