निकली चुनरी व कलश यात्रा-वंझिया डूंगर छापरी पर हूआ तिन दिवसीय मेले का शुभारम्भ
अनिल श्रीवास्तव(झाबुआ)-- रविवार की सूबह वझिया डुगंर छापरी पर तिन दिवसीय अम्बे माता मेले का शुभारंभ हूआ। जिसमे बडी संख्या मे श्रद्धालू स्त्री पूस्ष व बच्चो ने माता के जय कारा लगाते ...
Read More »श्री स्वामी समर्थ महराज
श्रीस्वामी समर्थ महराज को महाराष्ट्र कर्नाटक और आँध्रप्रदेश में गंगापुर के स्वामी नृसिंह सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है ''श्री पाद श्री वल्लभ चरित्र'' के अनुसार भगवान दत्तात्रे ...
Read More »गोस्वामी तुलसी दास
श्रीराम कथा के अदभुत रचनाकार-गोस्वामी तुलसी दास तुलसी दास जी को हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक माना जाता है। उनके द्वारा लिखा गया श्रीराम जी को समर्पित ग्रन्थ श्रीरामचरित ...
Read More »ढोचका मे पहली बार लगा भगोरीया मेला –सजघज कर आए यूवक यूवतियो व बच्चो ने भगोरीया का लूत्फ उठाया
अनिल श्रीवास्तव-पारा--- आदिवासी लोक संस्कृति का उत्सव ’’भगोरीया’’ के आगाज के साथ ही पहली बार लगने वाले ग्राम पंचायत ढोचका मेें भगोरीया मेला का शूभारंभ विधायक निर्मला भूरीया, सरपंच ...
Read More »समाज के प्रणेता अग्र शिरोमणि महाराजा अग्रसेन
महाराजा अग्रसेन अग्रवाल जाति के पितामह थे। वे युग पुरुष, रामराज्य के समर्थक एवं महादानी थे। उनमें अलौकिक साहस, अविचल दृढ़ता गम्भीरता, अद्भुत सहनशिलता दूरदर्शिता, विस्तृत दृष्टिक ...
Read More »पहले इंजीनियर , वास्तुविद ,मिस्त्री .कारीगर – भगवान् विश्वकर्मा
प्राचीन ग्रंथो उपनिषद एवं पुराण आदि का अवलोकन करें तो पायेगें कि आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवों अपितु देवगणों द्वारा भी प ...
Read More »जिंद पीर झूलेलाल-महान अवतारी पुरुष और सिंधियों के ईष्ट देव
भारतीय धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जब-जब अत्याचार बढ़े हैं, नैतिक मूल्यों का क्षरण हुआ है तथा आसुरी प्रवृत्तियाँ हावी हुई हैं, तब-तब किसी न किसी रूप में ईश्वर ने अवतार लेकर धर्मप ...
Read More »सवा लाख से एक लड़ाऊँ चिड़ियों सों मैं बाज तड़ऊँ तबे गोबिंदसिंह नाम कहाऊँ – गुरु गोविंद सिंह
गुरु गोविंद सिंह (जन्म- 22 दिसंबर सन 1666 ई. पटना, बिहार, मृत्यु- 7 अक्तूबर सन 1708 ई. नांदेड़, महाराष्ट्र) सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ...
Read More »गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर
रविन्द्र नाथ टैगोर (रवीन्द्रनाथ ठाकुर, रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (7 मई, 1861-7 अगस्त,1941) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय स ...
Read More »-स्वामी दयानंद सरस्वती
आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म सन् 1824 में एक ब्राह्मण परिवार में मुंबई में हुआ। उनका बचपन का नाम मूलशंकर था। धर्म सुधार हेतु अग्रणी रहे दय ...
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