Friday , 26 April 2024

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अध्यात्म बनाता है मनुष्य और देता है सुशासन-कहा श्री चैतन्य कृष्ण महाराज ने

1966932_637968016269350_1472130957_nधर्मपथ-(भोपाल)- श्री पशुपति नाथ मंदिर जो गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित है तथा नेपाल के हिन्दू प्रवासियों के द्वारा निर्मित एवं संचालित है में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नित्य शिवपुराण कथा चल रही है.आज इसी तारतम्य में कथावाचक् श्री चैतन्य कृष्ण महाराज नें पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिये.प्रस्तुत है आपके समक्ष उनके विचार 

आम मानस में भ्रम है,धर्म के प्रति,वह क्या है?
चैतन्यजी- जो व्यवहार आप दूसरों से अपने प्रति नहीं चाहते वह नहीं करना,इस सृष्टि के समस्त प्राणियों के प्रति यथा-योग्य व्यवहार ही धर्म है .
धर्म एवं संस्कृति में क्या सामंजस्य है?
चैतन्यजी- धर्म स्वभाव है,जीव आनंद की तलाश में है वह सेवा तथा कर्म से प्राप्त होता है,संस्कृति संस्कारों से पल्लवित होती है,संस्कारजनित चाल-चलन,व्यवहार से ही संस्कृति का परिचय होता है .
कौन से गुण थे जिनसे भारत की हिन्दू संस्कृति की विशेष पहचान विश्व में हुई ?
चैतन्यजी-सभी संस्कृतियों की अपनी महत्ता है,लेकिन भारतीय संस्कृति सबसे पुरानी है,सृष्टि की उत्पत्ति से ही यह है,अन्य धार्मिक मान्यताएं नयी है कोई भी 2000 वर्ष से पुरानी नहीं हैं लेकिन सनातन संस्कृति सृष्टि की उत्पत्ति से ही है.हमने विश्व को बोलना सिखलाया,लिखना सिखलाया,संस्कार दिये समस्त विश्व को सभ्यता के उषाकाल से परिचित करवाया.धर्म क्या है का दर्शन विश्व को दिया,आयुर्वेद दिया,तकनीकी दी.
संस्कृति का प्रभाव कम हो रहा है ?

चैतन्यजी- हम लोग सिर्फ पूजा पाठ में व्यस्त रहे,हमने अपने धर्म के वैज्ञानिक पक्ष को नजरअंदाज किया,युवाओं को हम संस्कार देने में असफल हो रहे हैं ,इसीलिये हम पीछे हैं.युवा वैज्ञानिक तरक्की को पश्चिम से आना मान बैठे हैं.इस समय पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव से संस्कार तथा आचरण हम खो रहे हैं.
नई पीढी के लिये धर्म क्या है ?
नई पीढी पाश्चात्य संस्कृति,नशा,फैशन की चकाचौंध में भ्रमित हो गया है ,युवा को लग रहा है कि यही सत्‍य है,इसका प्रचार-प्रसार अधिक हो रहा है.नई पीढी को सही राह दिखाना और उस पर चलने कि प्रेरणा देना हमारा कर्तव्य है .
परिवार और समाज में विच्छेद बढ़ रहा है,क्या किया जा सकता है ?
चैतन्यजी-मूल्यों को स्थापित करना होगा,विश्व में संयुक्त परिवार कि अवधारणा सनातन कि दें है,संयुक्त परिवार का आदर्श इसी भूमि ने विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया है.
अध्यात्म बनाता है मनुष्य और देता है सुशासन-कहा श्री चैतन्य कृष्ण महाराज ने Reviewed by on . धर्मपथ-(भोपाल)- श्री पशुपति नाथ मंदिर जो गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित है तथा नेपाल के हिन्दू प्रवासियों के द्वारा निर्मित एवं संचालित है में महाशिवरात्रि के पाव धर्मपथ-(भोपाल)- श्री पशुपति नाथ मंदिर जो गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित है तथा नेपाल के हिन्दू प्रवासियों के द्वारा निर्मित एवं संचालित है में महाशिवरात्रि के पाव Rating:
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