भोपाल, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने कुछ उद्योगपतियों पर राज्य के साथ धोखेबाजी करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ 22 अक्टूबर को इंदौर से ‘धोखेबाज पूंजीपतियों के खिलाफ ढोल की पोल’ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इसी दिन से इंदौर में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शुरू हो रही है।
कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, “राज्य में इससे पहले चार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित हो चुके हैं। इन आयोजन में लाखों करोड़ रुपये के निवेश का समझौता होने का प्रचार किया गया, मगर जमीन पर क्या आया वह चौंकाने वाला है। इन इन्वेस्टर्स समिट से राज्य की जनता को तो कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि कुछ पूंजीपति जरूर मालामाल हो गए।”
उन्होंने आरोप लगाया, “सरकार से करार करने वाले कुछ उद्योगपतियों को सरकार ने ही लीज पर जमीन दी। इन जमीनों को बैंक में गिरवी रखकर कर्ज लेने की अनुमति दी। उद्योगपतियों ने बैंक से कर्ज लेकर फैक्ट्री लगाई और उसे ऊंचे दामों में दूसरे को बेच दिया। यह तो उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ है, जबकि नुकसान राज्य का हुआ।”
यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार से लगातार इन्वेस्टर्स समिट पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग करती आ रही है, ताकि जनता को पता चल सके कि इन उद्योगपतियों को क्या सुविधाएं दी गईं, उन्होंने निवेश किया या नहीं? इसके साथ ही रोजगार कितने लोगों को मिला है? मगर सरकार है कि श्वेतपत्र जारी करने को तैयार नहीं हुई, क्योंकि श्वेतपत्र जारी करने से हकीकत सामने आ जाएगी।
गौरतलब है कि इंदौर में 22 अक्टूबर से दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है। इसमें देश और विदेश के निवेशक हिस्सा लेने वाले हैं। इसी दिन से कांग्रेस ने इंदौर से प्रदेशव्यापी ‘धोखेबाज पूंजीपतियों के खिलाफ ढोल की पोल’ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।
यादव ने बताया कि यह आंदोलन क्रमिक होगा। पार्टी की इकाइयां उन स्थानों पर प्रदर्शन करेगी, जहां उद्योग लगाने का समझौता हुआ है। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि संबंधित उद्योग से कितने लोगों को रोजगार मिला।