भोपाल– भोपाल में आयोजित समाचार पत्र “स्वदेश”के 50 वर्ष पूर्ण होने एवं भोपाल संस्करण के 35 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज रविन्द्र भवन में वैचारिक गोष्ठी आयोजित की गयी .
विषय अहम् था “समाचार पत्रों के सामने भाषा की चुनौती” जिसमें हिंदी भाषा के शुद्धता बनाए रहने एवं उसके बेहतर प्रयोग का संकल्प स्वदेश समाचार पत्र से लिया गया एवं अन्य दैनिक समाचार पत्रों को भी इस हेतु प्रेरित किया गया लेकिन विडम्बना यह थी की इस कार्यक्रम में उन समाचारपत्रों के किसी भी प्रतिनिधि ने भाग नहीं लिया .
इस महत्वपूर्ण विषय की चर्चा में पत्रकारिता के प्रतिनिधियों की उपस्थिति की कमी खली जिससे यह प्रतीत हुआ की यह कार्यक्रम संविचारी कार्यक्रम बनकर रह गया ना की राष्ट्रीय .
वक्ताओं में सर्वप्रथम वक्ता रमेश शर्मा जी ने ही प्रयुक्त हिंदी में अंग्रेजी शब्दों का समावेश कर कार्यक्रम का आनंद कसैला कर दिया .सबसे अधिक भाषा के साथ ज्यादती भोपाल स्थित हिंदी-विश्वविद्यालय के कुलपति छीपा जी ने की उन्होंने अपने अभिभाषण में लगभग 15 अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर हिंदी भाषा को एक हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर आसीन हो लज्जित कर दिया .छीपा जी ने हिंदी भाषा के शुद्ध प्रयोग के प्रति समर्थन में जो व्याख्यान दिया उनमें प्रयुक्त शब्द निम्न हैं …engineering,medical,positive news,print media,circulation,embassy,self employment,intrview आदि शब्दों को भरपूर प्रयोग किया.
हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रदर्शन हिंदी भाषा के प्रति देख वहां उपस्थित श्रोता उनकी हिंदी की योग्यता एवं उसके प्रति प्रतिबद्धता देख यह कहते सुने गए की ऐसे व्यक्ति पद पर रहे तब हिंदी के भविष्य का क्या होगा ?