(खुसुर-फुसुर )-मप्र भाजपा कार्यालय के परिसर में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपस्थिति देने वाले फुरकान मियां अब नजर नहीं आते .एकाएक क्या हुआ कार्यालय मंत्री के दरवाजे के सामने या बाहर बरामदे में कुर्सी लगाए बैठे फुरकान मियां …..ना कोई पद था ….ना अल्पसंख्यक मोर्चे में थे …ना ही भाजपा की किसी राजनैतिक गतिविधि में भाग लेते नजर आते थे लेकिन बैठते जरूर थे सुबहो-शाम.
खुसुर-फुसुर यह है की फुरकान मियां की बुलेट की आवाज भाजपा मुख्यालय में आती हुई अब सुनी नहीं जाती,यह क्यों हुआ इस बात के कई कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन किसी को सच्चाई पता हो इसमें संदेह है .खबरची को सब पता है लेकिन करतूत ऐसी थी की लिखने में हिचकिचाहट होती है खैर अप नहीं दिखेंगे भाजपा कार्यालय में फुरकान मियां .