(खुसुर-फुसुर)– मप्र में नागरिकों की नजर आगामी चुने जाने वाले नेता-प्रतिपक्ष के पद पर है .मप्र में लगातार हारती कांग्रेस के सामने नेता-प्रतिपक्ष चुनने की जगह सही नेता-प्रतिपक्ष चुनने की जिम्मेदारी ज्यादा है .पूर्व नेता-प्रतिपक्ष अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका कोई महत्वपूर्ण योगदान कांग्रेस को मिला यह कहा नहीं जा सकता है .
आगामी चुनावों को देखते हुए यदि कांग्रेस के समक्ष जीतने का संकल्प है तब उन्हें नेता -प्रतिपक्ष ऐसा चुनना होगा जो विवादित न हो एवं समाज में उसकी छवि साफ़ हो .अभी तक जो नाम सामने आ रहे हैं वे वरिष्ठ तो हैं लेकिन विवादित रहे हैं एवं उनके कारनामों की खुसुर-फुसुर होती रहती है.