अब यह साफ़ हो गया है की शिवराज सिंह चौहान को लेकर भाजपा के नीति विश्लेषकों को कुछ गंभीरता से सोचना होगा और उनकी नयी भूमिका तय करनी होगी क्योंकि उमा-भारती के बाद शिवराज सिंह चौहान के नाम पर भाजपा मप्र में विजय पताका फहराती रही है,लेकिनं इस खुलासे के बाद शिवराज सिंह की छवि झूठे नेता की बन गयी है एवं कांग्रेस ने भी युवा एवं ऊर्जावान नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर आगामी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है .
(भोपाल से अनिल कुमार सिंह)– मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता के 13 वर्ष अनगिनत चुनावी जीतें लगने लगा शिवराज सिंह चौहान के बिना भाजपा एवं मध्यप्रदेश खुशहाल नहीं रह पायेगा लेकिन समय की मार देखिये किसान आन्दोलन की उन 6 कातिल गोलियों ने शिवराज सिंह चौहान के झूठों के अम्बार को जनता के सामने ला दिया .इसमें मुख्य भूमिका निभायी एबीपी न्यूज़ चेनल ने.किसान आन्दोलन में पुलिस की गोली से मारे गए किसानों एवं धधकते मप्र को शांत करने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने अपना पुराना ब्रह्मास्त्र अपनाया और सरकारी खर्च पर उपवास पर बैठ गए.उन्हें उनके तंत्र ने भरोसा दिलवाया की सब ठीक और “मैनेज” है और हुआ भी वही सब “मैनेज” हो गये लेकिन वे नहीं जिनके परिजनों ने सीने पर गोली खायीं और अमौत मारे गए .जब शिवराज सिंह चौहान अपने उपवास की नौटंकी का एपिसोड दशहरा मैदान में पूरा कर रहे थे एबीपी के पत्रकार मैदानी हकीकत अपने कैमरे में कैद कर रहे थे.एबीपी एवं शिवराज के मैनेजरों के बीच की खींचातानी पहले से ही छोटे अख़बारों में आ रही थीं लेकिन उनके मदमस्त मंत्री और अधिकारी हमेशा की तरह मैनेज कर लेंगे की तर्ज पर मदहोश पड़े थे .एबीपी के नुमाइंदों से वे चर्चा भी उपयुक्त नहीं समझ रहे थे सूत्रों ने तो यहाँ तक बताया की उनके मंत्री चाहते ही यही थे की शिवराज सिंह इस एपिसोड में फंस जाएँ और वह हुआ भी.
शिवराज सिंह इस किसान आन्दोलन में हुई गोलीबारी की घटना से इतना घबरा गए थे की इनके सलाहकारों की सलाहों पर आँख-बंद कर अमल करते गए और इसका असर भी हुआ विपक्ष इस उपवास को नौटंकी कह आवाज उठाता रहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया एबीपी न्यूज़ के खुलासे ने बीते 13 वर्षों के झूठे ख़्वाब जो शिवराज सिंह चौहान ने दिखाए उनकी पड़ताल के लिए जनता मजबूर हो गयी.
अब यह साफ़ हो गया है की शिवराज सिंह चौहान को लेकर भाजपा के नीति विश्लेषकों को कुछ गंभीरता से सोचना होगा और उनकी नयी भूमिका तय करनी होगी क्योंकि उमा-भारती के बाद शिवराज सिंह चौहान के नाम पर भाजपा मप्र में विजय पताका फहराती रही है,लेकिनं इस खुलासे के बाद शिवराज सिंह की छवि झूठे नेता की बन गयी है एवं कांग्रेस ने भी युवा एवं ऊर्जावान नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर आगामी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है .