भोपाल– चित्रकूट उप-चुनाव में भाजपा की करारी शिकस्त वह भी मुख्य चुनावों के छह महीने पूर्व मप्र की राजनीति में भूचाल ला दी है .वैसे यह सीट पहले भी कांग्रेस के पास थी लेकिन 14 वर्षों से भाजपा की सरकार ,चुनाव प्रचार में मप्र शासन के आठ मंत्री , संगठन के बड़े पदाधिकारी ,सीमावर्ती राज्यों के बड़े नेता इस चुनाव में चित्रकूट से हटे नहीं.
मप्र के संगठन महामंत्री सुहास भगत ने ट्वीट किया था की वोट प्रतिशत अधिक होने से भाजपा की जीत की संभावनाएं अधिक हैं लेकिन यह दावा उनका सही साबित हुआ .भाजपा अध्यक्ष एवं प्रवक्ता अब यह कह रहे हैं की चित्रकूट गरीबों का इलाका है इसलिए वह कांग्रेस का गढ़ है इस बयान से साबित होता है की कांग्रेस गरीबों की पार्टी एवं भाजपा अमीरों की पार्टी है.
नंदकुमार सिंह ने कहा मुख्यमंत्री स्टार प्रचारक हैं यह सत्य है और आवश्यक नहीं की मुख्यमंत्री जहाँ जाएँ वहां जीत दर्ज हो.उन्होंने कहा यह चुनाव भी जीतने के लिए लडे थे लेकिन नहीं जीत पाए ,हम मंथन करेंगे कैसे जीतें.
यह चुनाव छोटा जरूर था लेकिन आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के लिए जीवनदायक एवं भाजपा के लिए चिंताजनक है.टिकट वितरण में तोड़-फोड़ ,संगठन में गुटबाजी मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारियों की तानाशाही एवं कार्यकर्ताओं की नाराजी ने भाजपा को हार का मुख देखने को मजबूर किया.