भोपाल– भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉ मधुसूदन नागरकर ने कल एम्स की गतिविधिओं को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया .इसमें भोपाल से सांसद आलोक संजर की उपस्थिति रही.
मरीजों को राहत देने हेतु शाम की ओ पी डी शुरू होगी
डॉ नागरकर ने बताया की अभी सुबह भीड़ ज्यादा हो जाती है इस समस्या को सुलझाने हेतु शाम की ओ पी डी शुरू की जा रही है जिसमे लगभग 2 माह का वक्त लगेगा.आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था के प्रश्न पर उन्होंने कहा की इसके लिए चिकित्सा के सभी अंगों का समुचित संचालन आवश्यक है इसलिए अभी वक्त लगेगा.
सांसद आलोक संजर ने आउट्सोर्सिंग कर्मचारियों के लिए दी राहत की खबर
भोपाल सांसद ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया की केन्द्रीय मंत्री नड्डा से चर्चा उपरान्त तय किया है की जो कर्मचारी अस्पताल खुलने के समय से सेवाएं आउटसोर्स कर्मचारी के बतौर दे रहे हैं उन्हें अस्पताल में नौकरी पर रखने की योजना पर विचार किया जा रहा है.
सांसद के साथ मंच पर दागी अधिकारी को बैठाया
प्रबंधन ने सांसद के साथ पर डिप्टी डायरेक्टर संतोष सोनगरा को उसी मंच पर स्थान दिया ,सोनगरा पर गलत जानकारी दे नौकरी पाने के आरोप हैं जिनकी जांच चल रही है.डायरेक्टर डॉ नागरकर ने इस सम्बन्ध में बताया कि जांच एजेंसिओं को सभी दस्तावेज दे दिए हैं. जबकि इस जांच को चलते ही एक व्यतीत हो चुका और प्रबंधन का रवैया सोनगरा के प्रति सहयोगी है.सोनगरा को जनसंपर्क अधिकारी का दायित्व भी दे दिया गया है.
दवा वितरण के दावे में भी एम्स प्रबंधन झूठा साबित हुआ ,अस्पताल के अन्दर अमृत औषधि एवं प्रधानमन्त्री जन औषधि के वितरण केंद्र हैं जिनमें दवाईयां नहीं रहतीं जिसके लिए मरीज अस्पताल के बाहर से दवाईयां खरीदते देखे जा सकते हैं.सूत्रों की खबर कही की यह बड़ा घोटाला साबित होगा क्योंकि बाहर के दवा विक्रेताओं द्वारा अस्पताल प्रबंधन की सांठ-गाँठ के चलते जान-बूझकर यह किया गया है.