अनिल कुमार सिंह की रिपोर्ट
(धर्मपथ)– आज हम आपको मप्र के एक जिम्मेदार मंत्री पारसचन्द्र जैन के अन्याय ,गुण्डातत्वों के समर्थन ,अवैध वसूली वालों का साथ देने की सबूत सहित कथा प्रस्तुत कर रहे हैं . इस मामले में पारस जैन का अन्यायपूर्ण एवं अमानवीय चेहरा सामने आया.जब हमने उनसे प्रश्न किया की क्या उक्त मसले में फरियादी के विभाग द्वारा नुकसान करने के पूर्व एक दफे जांच करवा उसका पक्ष जानने को कहा गया तो ये मगरूर मंत्री बोले एक बार जो कह दिया वह कह दिया इस बात का समर्थन उनके पीछे लगे चमचों ने अपने हाथों में ले लिया और कहा जाईये बात ख़त्म हुई.
ऊर्जा मंत्री हैं पारस जैन करवाते हैं अवैध वसूली
सुशासन के दावों का दम भरते मप्र के मुख्यमंत्री के दावे उनके मंत्री खारिज करते दिख रहे हैं .ये मगरूर नेताजी जो धर्म-ध्वजा का प्रतीक लाल पट्टा हमेशा गले में पहने रहते हैं उसका मर्म भी नहीं समझते .आम जनता पर अत्याचार कर ये जैन सिद्धांतों को भी धता बता रहे हैं .महाकाल की नगरी से विधायक चुन आने वाले इन नेताजी की यह गाथा हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं.
फर्जी वन्दे गौ मातरम संगठन का प्रदेश संयोजक है मंत्री का गुर्गा
बाबू कुशवाहा नाम का पूर्व बजरंग दल का नेता जिसे संगठन विरोधी गतिविधिओं की वजह से बाहर किया गया इंदौर में अवैध वसूली का कार्य करता है.इसका सम्बन्ध मंत्री पारस जैन से है जिनकी शह पर यह अधिकारियों को धमकाता रहता है .मंत्री भी इसके अवैध कार्यों के पक्ष में अधिकारियों को निर्देशित कर इसकी मंशा पूरी करवाते हैं.
बिल्डर से अवैध वसूली की मांग पूरी न होने पर वैध डीपी को मंत्री से कह हटवाया
बिल्डर ने इंदौर में अपनी स्वयं की जमीन पर विद्युत् मंडल से अनुमति ले डीपी लगवा रखी थी वहीँ पड़ोस में बाबू कुशवाहा भी रहता है सूत्रों ने बताया इसका काम किसी न किसी बहाने अड़ीबाजी कर धन वसूलने का है.बाबू कुशवाहा ने बिल्डर से पैसे मांगे न देने की एवज में विद्युत् मंडल से डीपी हटवाने की धमकी दी.इस हेतु इसने विभाग पर दबाव भी डाला और उस जगह को विवादित बताया.नियम अनुसार विवादित जगह शासकीय,अर्ध-शासकीय एवं न्यायालय के अधीन को माना जाता है लेकिन बिल्डर की स्वयं की स्वामित्व की जमीन को मौखिक रूप से अपना बता इस वसूलीकर्ता ने अधिकारीयों से विवाद किया जिसकी ऍफ़ आई आर सरकारी कार्य में बाधा डालने एवं धमकी देने की अधिकारीयों ने दर्ज करवाई एवं गिरफ्तारी को ले आन्दोलन भी किया.
मंत्री जी ने अन्याय करते हुए डीपी उखडवा दी
यह वसूलीकर्ता ऍफ़आईआर दर्ज होने के बाद ऊर्जा मंत्री पारस जैन के पार पहुंचा और पारस जैन ने कुशासन दिखाते हुए डीपी उखाड़ने के मौखिक निर्देश प्रदान किये.२5 मई के दिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की ,26 को यह व्यक्ति मंत्री जी की शरण में पहुंचा एवं 28 तारीख की शाम विभाग ने नोटिस देते हुए उसी दिन डीपी उखाड़ने का कार्य शुरू कर दिया.जब विभाग के अधिकारी से हमने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह गलत हो रहा लेकिन मंत्री जी का निर्देश है.
पारस जैन के संज्ञान में लाने पर भी नहीं सुना गया
जब हमने मंत्री जी से इस बाबत पूछा और कई बार ध्यान दिलवाया की यह अन्याय क्यों ,क्या एक मौक़ा नहीं देना चाहिए बिल्डर को अपनी बात रखने का ? इस दम्भी मंत्री ने कहा मैंने जो कह दिया वह कह दिया अब कुछ नहीं होगा.
यह सोचनीय विषय है की इस तरह के भाजपा के विधायक एवं मंत्री होंगे तो राम -राज्य की कल्पना साकार कैसे होगी ?क्या ऐसे लोग जनप्रतिनिधि बनने लायक है ?यह विचार संगठन एवं जनता दोनों को करना होगा.