चंडीगढ़, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंजाब में किसान संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि आत्महत्या करने वाले किसानों के आश्रितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए। राज्य में हाल के दिनों में किसानों की खुदकुशी की घटनाएं बढ़ी हैं।
संगठनों ने सरकार से यह मांग भी की है कि फसलों के नुकसान पर दिए जाने वाले मुआवजे की राशि भी बढ़ाई जाए।
दक्षिण पश्चिम पंजाब के बठिंडा में किसान बीते 10 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
दक्षिण पश्चिम पंजाब के मालवा क्षेत्र में कपास की फसलों को हाल के सालों के मुकाबले इस साल सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। कीटों के हमले में कपास की 60 फीसदी फसल नष्ट हो गई है।
सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि किसानों और खेतिहर मजदूरों के 18 संगठनों ने मुख्य सचिव सर्वेश कौशल समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से शनिवार को मुलाकात की। बातचीत फसल के इस संकट से किसानों को निकालने पर केंद्रित थी।
किसानों ने कहा कि खुदकुशी करने वाले किसानों के आश्रितों को तीन लाख रुपये के बजाए पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। गन्ना बकाया मूल्य का तुरंत भुगतान किया जाए, कपास उत्पादकों को फसल का नुकसान होने की हालत में अधिक मुआवजा दिया जाए। इसी तरह सब्जी और ग्वार उगाने वाले किसानों को अधिक मुआवजा दिया जाए।
प्रवक्ता ने कहा, “प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि सरकारी खरीद एजेंसियां धान-1509 की खरीद बाजार दर के हिसाब से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य के दर से करें ताकि धान की जबरन बिक्री से बचा जा सके।”
मुख्य सचिव कौशल ने किसान नेताओं से कहा कि सरकार उनकी वाजिब चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। मालवा में कपास की फसल को पहुंचे नुकसान की जानकारी ले ली गई है और मुआवजे के लिए 644 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।
कौशल ने कहा, “गन्ना किसानों के सहकारी मिलों पर बकाये के भुगतान के लिए सरकार पहले ही 540 करोड़ दे चुकी है।”
पंजाब देश के गेंहू और धान के भंडार में 60 फीसदी योगदान करता है। हालांकि इसका क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का महज 1.54 फीसद है।