भोपाल– मप्र के एक ताकतवर आईएएस राधेश्याम जुलानिया और उनके अधीनस्थ आईएएस रमेश थेटे में वर्चस्व की लड़ाई अब मंत्रालय की गलियों से उतर कर सड़कों पर आ गयी है.थेटे इस घंमासान को दलित विरोधी बता कर प्रचारित कर रहे हैं.सूत्रों ने बताया की जुलानिया शुरू से तालिबानी अधिकारी का रूतबा रखते है.जुलानिया सब कुछ करते हुए भी कुछ नहीं करने वाले अधिकारी की छवि बनाए रखने में कायम बताये जाते हैं.
रमेश थेटे भी आक्रामक आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें जुलानिया का तालिबानी अंदाज पसंद नहीं आया.थेटे ने इस परिपेक्ष्य में एक आडियो भी जारी किया है.
पंचायत सचिव रमेश थेटे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.उन्होंने कहा मुझे स्वीपर बना दिया है,मुझसे सिर्फ टॉयलेट बनवाये जाते हैं.थेटे ने जुलानिया को जातिवादी बताया.उन्होंने कहा की की मैंने जुलानिया को समझाने की कोशिश की थी लेकिन घमंडी अधिकारी माना नहीं.