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रूस के सबसे बड़े अंधविश्वास

December 4, 2015 8:05 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on रूस के सबसे बड़े अंधविश्वास A+ / A-

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शुक्रवार और तेरह तारीख यानी “ब्लैक फ्राइडे” से समस्त दुनिया के अंधविश्वासी लोग डरते हैं| कुछ लोग इस दिन अपने महत्वपूर्ण काम रद्द कर देते हैं, तो कुछ लोग बतौर सावधानी चौकन्ने हो जाते हैं| इस मामले में रूस भी कोई अपवाद नहीं है। इसके अलावा भी रूस में कई और अंधविश्वास प्रचलित हैं और उनका एक लंबा इतिहास रहा है|

नमक के बिखरने से परिवार में कलह होता है|

प्राचीन समय में नमक सभी दृष्टि से लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण था। नमक पहली ऐसी चीज़ थी, जिससे मनुष्य ने अपने भोजन में स्वाद जोड़ना शुरू किया| प्राचीन और मध्य युगों में नमक बहुत महंगा हुआ करता था| ऐसा भी समय था जब नमक को मुद्रा की मान्यता प्राप्त थी| लोगों को नमक कई बार वेतन की तरह दिया जाता था| साथ ही यह भी मान्यता थी कि नमक जादुई लक्षण रखता है| यह माना जाता था कि उसकी सहायता से जादू की चपेट वाली सामग्री को साफ़ किया जा सकता है| यह सब देखते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि क्यों नमक का बिखरना परिवार में कलह का कारण होता था|

दहलीज़ पर हाथ मिलाना या कुछ लेना-देना उचित नहीं

इस अंधविश्वास का भी काफी ऐतिहासिक आधार है। बहुत पहले पूर्वजों की राख दहलीज़ के नीचे रखने और उसे तंग न करने का प्रचालन था| उस समय से दहलीज़ को धरती और परलोक यानी जीवित एवं मृत के बीच की सीमा समान माना जाता है|

कुछ भूलने पर आधे रास्ते से लौटना ठीक नहीं

यह अंधविश्वास भी सीधे दहलीज़ की दो लोकों को बांटने की मान्यता से जुड़ा हुआ है| अगर इंसान अपने उद्देश्य की पूर्ति के बगैर वापस लौटता है, तो दहलीज़ के पास वह कमज़ोर हालत में पहुंचेगा| ऐसी हालत में इस बात का ख़तरा होता है कि दहलीज़ के पास स्थित परेशान आत्माएं आदि उस पर हावी हो जाएँ| इसलिए रूस में यह कहते हैं कि अगर आधे रास्ते से वापस लौटना पड़े तो बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए आईने में ज़रूर देखना चाहिए|

मेहमानों की विदाई के बाद झाडू नहीं लगाते हैं

कुछ लोगों का यह विश्वास है कि परिवार के सदस्यों या मेहमानों के प्रस्थान के तुरंत बाद झाडू नहीं लगाना चाहिए| इस अंधविश्वास के अनुसार ऐसा करने से सब गन्दगी लोगों के पीछे चल देगी और उनके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है| कुछ लोगों का यह मानना है कि जाने वाले के तुरंत बाद झाडू लगाकर मेज़बान उसके क़दमों के निशाँ मिटा देता है, यानि वह इंसान फिर कभी उस घर वापस नहीं आएगा|

कमरे में सीटी बजाने से धन की हानि होती है

प्राचीन काल से यह माना जाता रहा है कि सीटी बजाकर परलोक से बुरी ताकतों को बुलाया जाता है| यह अंधविश्वास स्लाव लोगों के अलावा जापान में भी प्रचलित है| कुछ यूरोपी देशों में सीटी का सीधा सम्बन्ध डायन से माना जाता है, सीटी को डायन का ही एक साधन माना जाता है| अंधविश्वास के अनुसार घर में सीटी बजाने से धन की हानि होती है|

खाली बाल्टी के साथ जाती महिला से दूर रहो

रूस में  यह माना जाता है कि खाली बाल्टी के साथ जाती औरत के साथ मुलाक़ात विफलता का एक संकेत है| इस अंधविश्वास की जड़ें उस समय पडीं जब महिलाएं बाल्टी लेकर पानी भरने कुओं या नदी पर जाया करतीं थीं| आज उन बाल्टियों की जगह कचरे की टोकरियों ने ले ली है| यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि क्यों खाली बाल्टी को विफलता का संकेत माना जाता है| इसके जवाब में रूसी बड़ी वाकपटुता से कहते हैं कि ‘दरिद्रता होगी’|

घड़ी, चाकू और रूमाल उपहार स्वरुप नहीं दिए जाते

किसी रूसी को चाकू, रूमाल या घड़ी उपहार स्वरुप देकर प्रसन्न नहीं किया जा सकता है| यह माना जाता है कि उपहार स्वरुप प्राप्त रूमाल अपने साथ आंसू भी लेकर आता है| घड़ी को जुदाई के एक अग्रदूत के रूप में माना जाता है। चाकू के साथ फिर एक रहस्यमयी कथा जुडी हुयी है| तेज़ किनारे वाली या काटने वाली वस्तुओं को बुरी आत्माओं के लिए स्वर्ग माना जाता है। अंधविश्वासी लोग आज भी यह मानते हैं कि चाकू आदि उपहार स्वरुप नहीं देने चाहियें क्योंकि उनके साथ बुराई भी सौंपी जाती है|

कुंवारी लड़कियों को मेज़ के कोने पर नहीं बिठाएँ

रूस में मेज़ के कोनों पर आमतौर पर अधेड़ अविवाहिताओं को बैठाया जाता था| वहीं से यह अंधविश्वास शुरू हुआ कि अगर कुंवारी लडकी मेज़ के कोने पर बैठेगी तो सात साल तक उसकी  नहीं होगी| आजकल आधुनिक लडकियां कोने की जगह पसंद होने पर यह हाज़िर जवाब देती हैं कि उनके पति के पास कोना यानी आवास होगा| हालांकि आज भी आम तौर पर यही कोशिश होती है कि कुंवारी लडकियों को मेज़ के कोने पर न बिठाया जाए और वे भी इसी कोशिश में रहती हैं|

स्पुतनिक से

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