नई दिल्ली, 14 सितंबर – वामपंथी रुझान वाले छात्र संगठन, ऑल इंडिया स्टूडेंड एसोसिएशन (आइसा) ने देश के प्रीमियर शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) पर लगातार दूसरे वर्ष अपना कब्जा बरकरार रखा। रविवार को छात्र संघ चुनावों के परिणाम घोषित हुए जिसमें आइसा को भारी जीत हासिल हुई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी, लेनिनवादी) से संबद्ध छात्र संगठन आइसा ने जेएनयूएसयू के चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पदों पर कब्जा कर लिया है।
वाम राजनीति के दबदबा वाले जेएनयू परिसर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रत्याशी उपाध्यक्ष एवं महासचिव के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।
आइसा के आशुतोष कुमार 1,386 मत हासिल कर अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किए गए। उन्होंने लेफ्ट प्रोगेसिव फ्रंट (एलपीएफ) की उम्मीदवार राहिला परवीन को मात दी, जिन्हें 1,009 मत मिले।
एलपीएफ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की छात्र शाखा ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से टूट कर बने डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ) का गठबंधन है।
अभाविप के सौरभ कुमार अध्यक्ष पद की दौड़ में तीसरे नंबर पर रहे।
आइसा के अनंत प्रकाश नारायण 1,366 मत पाकर उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने अभाविप के मोहम्मद जाहिदुल दीवान को हराया, जिन्हें 756 मत मिले। तीसरे स्थान पर कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) की हीना गोस्वामी रहीं।
आइसा की चिंटू कुमारी 1,605 मत पाकर महासचिव के पद पर निर्वाचित की गईं। अभाविप के आशीष कुमार धनोतिया 791 मत पाकर दूसरे और एएफआई के नजीब वी. आर. तीसरे स्थान पर रहे।
एसएफआई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा है, जिसका एक समय में जेएनयू परिसर में काफी प्रभाव था।
संयुक्त सचिव पद पर आइसा के शफाकत हुसैन बट्ट 1,209 मतों से विजयी रहे। उन्होंने एलपीएफ के मुलायम सिंह (969) को हराया। अभाविप के गोपाल लाल मीणा तीसरे स्थान पर रहे।
केंद्रीय पैनल के अलावा अभाविप ने काउंसलर के चुनपाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया है जहां उसने कुल 31 सीटों में से 12 पर कब्जा जमाया। पिछले वर्ष अभाविप को छह सीटें ही मिली थी।
आइसा को पिछले वर्ष 14 सीटों मिली थीं, इस वर्ष उसे 7 सीटें ही मिल पाईं।
साल 2013 में भी आइसा ने जेएनयूएसयू के चारों शीर्ष पदों पर कब्जा किया था। इससे पहले 2012 में इसने तीन पदों पर जीत हासिल की थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव में भी आइसा ने अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि एक भी पद हासिल नहीं कर पाई। अभाविप ने यहां सभी शीर्ष पदों पर कब्जा किया।