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 मप्र: 1800 करोड़ का जीएसटी घोटाला पकड़ा सेल्स टैक्स कमिश्नर ने | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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मप्र: 1800 करोड़ का जीएसटी घोटाला पकड़ा सेल्स टैक्स कमिश्नर ने

March 9, 2020 9:08 am by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on मप्र: 1800 करोड़ का जीएसटी घोटाला पकड़ा सेल्स टैक्स कमिश्नर ने A+ / A-

भोपाल-जीएसटी(gst) में वोगस बिल काटकर टैक्स चोरी करने का 1800 करोड़ का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का खुलासा मध्य प्रदेश वाणिज्य कर विभाग की रिसर्च विंग ने किया। इस घोटाले की जब गहराई से जांच की गई तो इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा की 23 कंपनियां शामिल मिली। मामला सामने आने के बाद स्टेट टैक्स(state tax commisonar) कमिश्नर राघवेंद्र सिंह ने सभी राज्यों के कमिश्नरों से बात की और 3 दिन पहले सभी राज्यों में एक साथ कंपनियों के ठिकानों पर दबिश दी गई। इसकी जांच जारी है। अफसरों को और भी राज्यों की कंपनियों के शामिल होने की आशंका है, जिनकी जानकारी पकड़ी गई। कंपनियों के दस्तावेजों और बिलों से जानकारी निकाली जा रही है। कई जगह तो कंपनियों के दर्ज पते ही मौके पर नहीं मिले हैं, तो कुछ जगह मजदूरों के नाम पर कंपनियां रजिस्टर्ड होने की बात सामने आ रही है। वाणिज्य कर विभाग के सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों ने एक से दो माह पहले ही खुद को जीएसटी रजिस्टर्ड किया। फिर ई वे बिल जारी कर माल की खरीदी बिक्री दिखाते हुए बिल काटने शुरू किए। मध्य प्रदेश में यह घोटाला 650 करोड़ रुपये के आसपास का है ।

किसी भी व्यापारी को पचास हजार से ज्यादा का माल एक से दूसरे राज्य में भेजना हो तो ई-वे बिल जारी किया जाता है । इस पर माल के हिसाब से 5 से 28 फीसदी तक टैक्स लगता है। घोटाले में हुआ ये कि कई लोगों ने कई फर्जी कंपनी बनाकर उनके नाम ई वे बिल जारी कर दिए । इसके बदले में इन लोगों को व्यापारियों ने कमीशन दे दिया और उधर व्यापारियों ने इसे सरकार को दिखाकर इनपुट क्रेडिट बैंक खातों में ले लिया। कई मामलों में तो माल गया ही नहीं और ई वे बिल जारी हो गए। फर्जी कंपनियों ने ई वे बिल जिन वाहनों के नंबरों पर जारी किए इसमें अधिकांश टेंपो, ऑटो, लोडिंग, ट्रक के नंबर हैं जो 20 साल पुराने हैं।
वाणिज्यिक कर(sales tax) विभाग इंदौर की विंग ने कुछ दिन पहले भोपाल की एक कंपनी के 29 जनवरी को पंजीयन लेने और फिर 1 महीने में ही 600 करोड रुपए की बिलिंग करने व ई वे बिल जारी करने का मामला पकड़ा। भोपाल की ही एक और कंपनी घोटाले में सामने आई जिसमें 50 करोड़ से अधिक की बिलिंग की है।

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