छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में भी जैन समाज ने मौन रैली निकाली। रैली के बाद सकल जैन समाज के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने खरतर गच्छाधिपति उपाध्याय मणिप्रभसागर महाराज की अगुवाई में राजभवन जाकर राज्यपाल बलरामजी दास टंडन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन पर गंभीरतापूर्वक गौर करते हुए राज्यपाल टंडन ने उसे राष्ट्रपति को अग्रेषित करने का आश्वासन दिया।
विशाल मौन मार्च में सकल जैन समाज से दिगम्बर, श्वेताम्बर, स्थानकवासी, तेरापंथी, मंदिरमार्गी, खरतरगच्छ, तपागच्छ एवं विभिन्न जैन संस्थाओं के सभी प्रमुख व सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। दो किलोमीटर लंबी इस मौन रैली में लगभग 10 हजार जैन धमार्नुयायी शामिल थे। नगर के जैन समाज के मध्य संभवत: यह पहला मौका रहा, जिसमें संपूर्ण समाज ने छोटे बच्चों, महिलाओं-पुरुषों सहित पहुंचकर एकजुटता दिखाई।
जैन श्वेताम्बर चातुर्मास समिति के महासचिव महेंद्र कोचर ने बताया कि मौन जुलूस के आरंभ में छह जैन धर्म ध्वजाएं, उसके पीछे सकल जैन समाज के श्रावकगण, अनेक श्रीसंघों के पदाधिकारी, अगले क्रम पर खतरगच्छाधिपति श्री मणिप्रभसागरजी महाराज एवं मुनिगण और श्रावक चल रहे थे। पुरुष श्रद्धालु श्वेत वस्त्रों में और महिलाएं केसरिया परिधानों में शामिल हुईं।
वहीं हाथों में संथारा के समर्थन और संथारा के धार्मिक-अध्यात्मिक संदेशों को प्रसारित करती तख्तियां लिए स्कूली बच्चे चल रहे थे। इनके पीछे श्राविकाओं का समूह पंक्तिबद्ध हो पदयात्रा करते आगे बढ़ रहा था।
सकल जैन समाज की ओर से तिलोकचंद बरिडा, महेंद्र कोचर व अजय जैन ने बताया कि इस मौन रैली को सफल बनाने में नगर के सभी जैन सम्प्रदायों के धर्मप्रेमीजनों की भागीदारी रही।