फरीदाबाद, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए निचले दर के कराधान की आवश्यकता है।
जेटली ने कहा, “अब हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकें। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। आप यह महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे।”
जेटली ने कहा कि अतीत में कराधान की ऊंची दर के कारण बड़े पैमाने पर कर चोरी के मामले सामने आए।
जेटली ने यह बात यहां सीमा शुल्क एवं नशीले पदार्थो की राष्ट्रीय अकादमी के आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारियों के 68वें बैच के पेशेवर प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही।
जेटली ने देश में कर अनुकूल माहौल बनाने पर जोर देते हुए कहा कि प्रशासन को कर नियम बनाते समय निष्पक्ष होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “कर प्रशासन को उनके द्वारा बनाए गए नियमों और उनके फैसलों के आधार पर परखा जाता है। कर अधिकारियों की निष्पक्षता से कर नियमों की व्याख्या की गुणवत्ता परिभाषित होगी। नागरिकों द्वारा बकाया करों के स्वैच्छिक भुगतान को कर प्रशासन द्वारा कर अनुकूल तरीके से प्रबंधित की जरूरत है।”
जेटली ने कहा कि अधिकरियों को निष्ठा, ईमानदारी से काम करना चाहिए और नई चीजें सीखने के लिए उत्सुकता से काम करना चाहिए।
जेटली ने कहा कि करों का भुगतान अर्थव्यवस्था के विकास का आधार है।
उन्होंने कहा, “करों का भुगतान नगारिकों का कर्तव्य है।”