नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। रेलवे अपने पूर्व फैसले को रद्द करते हुए अब सिर्फ मथुरा और वड़ोदारा रेलमार्ग पर 850 किलोमीटर के खंड में आधुनिक सिग्नल प्रणाली लगाएगी, जिसपर अनुमानित लागत करीब 2,000 करोड़ रुपये आएगी।
नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। रेलवे अपने पूर्व फैसले को रद्द करते हुए अब सिर्फ मथुरा और वड़ोदारा रेलमार्ग पर 850 किलोमीटर के खंड में आधुनिक सिग्नल प्रणाली लगाएगी, जिसपर अनुमानित लागत करीब 2,000 करोड़ रुपये आएगी।
सूत्रों के अनुसार, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली, आधुनिक यूरोपियन ट्रेन कंट्रोलिंग सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल-2 स्थापित करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस प्रणाली से एक ही पटरी पर दो रेलगाड़ियों के बीच टक्कर रोकी जा सकती है और कोहरा व अन्य कारणों से दृश्यता कम होने पर भी लोको पायलटों (रेलगाड़ी के चालकों) को आगे के सिग्नल की जानकारी मिल पाएगी।
रेलवे के अनुसार, मथुरा-वड़ोदरा रेलखंड पर इस प्रणाली के चालू होने के बाद उसकी कामयाबी को देखते हुए ईटीसीएस लेवल-2 को अन्य खंडों पर भी लगाने पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले रेलवे ने ईटीसीएस लेवल-2 समेत बड़ी रेल लाइन के संपूर्ण नेटवर्क को पूरी तरह स्वचालित करने का फैसला लिया था जिसकी अनुमानित लागत 78,000 करोड़ रुपये थी।
हालांकि अधिक लागत और भारतीय परिवेश में नई प्रणाली की जांच-परख नहीं होने की वजह से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से इस प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया।
पीएमओ ने अप्रैल में रेलवे को इसकी प्रभावोत्पादकता सुनिश्चित करने के नए व्यस्त रेलखंड पर व्यापक परीक्षण करने के बाद संपूर्ण नेटवर्क पर स्थापित करने के बारे में फैसला लेने को कहा।
सुरक्षा बढ़ाने और भीड़भाड़ वाले नेटवर्क में ट्रेन के परिचालन में गति लाने के मकसद से रेलमंत्री पीयूष गोयल सिग्नल प्रणाली को स्वचालित बनाने की संकल्पना के प्रबल समर्थक रहे हैं।
वह किसी एक संगठन को इसका ठेका देने के पक्षधर हैं ताकि उसकी लागत में किफायत का लाभ मिल सके।