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यातायात पुलिसकर्मी हमले की पीड़िता के बयान में विरोधाभास : न्यायालय

नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यातायात पुलिसकर्मी द्वारा हमले की शिकार महिला द्वारा विभिन्न टेलीविजन चैनलों को दिए बयानों में विरोधाभास है।

न्यायालय ने कहा कि लोगों को टीवी पर स्टार बनने की इच्छा से अपने बयान में लगातार बदलाव नहीं करना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायाधीश आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ ने कहा कि कभी-कभी आम नागरिकों को अपने ‘कर्तव्य का अहसास नहीं होता’ और पुलिस अपनी ‘सीमा’ को पार कर जाती है।

न्यायालय ने यातायात पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत देने से मना करने के बाद महिला पर हमला करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह सिर्फ इसी मामले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर व्यापक होगा।

न्यायालय ने कहा, “हमने सुना है कि टीवी चैनलों को दिए गए महिला के बयान में बदलाव आ रहा है। लोगों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके बयान में बदलाव नहीं होना चाहिए और न ही उन्हें टीवी स्टार की तरह व्यवहार करना चाहिए।”

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में लापरवाही से ड्राइविंग के कारण सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर की तथा अपने-अपने कर्तव्यों से आगाह न रहने के लिए आम नागरिक और पुलिस दोनों को दोषी बताया।

न्यायालय ने कहा, “हम इस घटना के लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं, लेकिन हम इस तरह की दूसरी घटनाओं को लेकर भी चिंतित हैं। लोगों में आखिरी इतना गुस्सा क्यों है..।”

न्यायालय ने कहा, “दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। नागरिकों को अपने कर्तव्यों के बारे में पता नहीं है। यह ऐसा मुद्दा है जिस पर सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि सभी शहरों में विचार करने की जरूरत है।”

न्यायालय ने कहा कि वे सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ रही संख्या की जांच के लिए एक सलाहाकर की नियुक्ति करेगा।

सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने एक स्थिति रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया है कि यातायात पुलिसकर्मी पर आपराधिक मामला दर्ज कर उसे मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

एएसजी ने कहा कि यातायात पुलिस ने पुलिस की छवि खराब की है और एक महिला पर हमला करने से ज्यादा कुछ निंदनीय नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि आजकल सड़क दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा हो रही हैं।

न्यायालय ने मामले सुनवाई पांच अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि यह मुद्दा निचली अदालत में जमानत याचिका तथा सुनवाई को प्रभावित नहीं करेगा।

घटना सोमवार दोपहर की है, जब पीड़िता रमनदीप कौर अपनी तीन बच्चियों को उनके स्कूल से लेकर घर लौट रही थीं। रास्ते में उन्हें यातायात पुलिस में हेड कांस्टेबल सतीश चंद्र ने रोका और इस बीच दोनों के बीच हुए विवाद से गुस्से में आए सतीश चंद्र ने ईंट से रमनदीप पर हमला कर दिया।

रमनदीप ने कहा कि पुलिसकर्मी ने उससे 200 रुपये घूस मांगे, जब उसने देने से इनकार किया तो वह हाथापाई पर उतर आया।

इस बीच सड़क के दूसरी ओर यह सब देख रहे एक मोटर चालक ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया।

यातायात पुलिसकर्मी हमले की पीड़िता के बयान में विरोधाभास : न्यायालय Reviewed by on . नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यातायात पुलिसकर्मी द्वारा हमले की शिकार महिला द्वारा विभिन्न टेलीविजन चैनलों को दिए बयानों नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यातायात पुलिसकर्मी द्वारा हमले की शिकार महिला द्वारा विभिन्न टेलीविजन चैनलों को दिए बयानों Rating:
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