भोपाल- एमपी की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी बड़ा आंदोलन करने जा रही है. प्रदेश भर में होने वाले आंदोलन की जिम्मेदारी पार्टी के बड़े नेताओं को सौंपी गई है. बिजली बिल, फसल मुआवजा और कर्ज माफी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरने जा रही है. 4 नवंबर को सभी जिलों में होने वाले बीजेपी के आंदोलन को लेकर पार्टी ने सभी बडे नेताओं को जिलों में आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है.
बिजली बिलों की होली जलाएगी बीजेपी
कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन के दौरान बीजेपी गरीबों को मिल रहे बिजली के बिलों की होली जलाएगी. आंदोलन को सफल बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता अभी से गांव-गांव पहुंच रहे हैं, ताकि आंदोलन में ग्रामीणों किसानों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके. इसके लिए पार्टी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं को तैनात किया है. जिलास्तर पर होने वाले आंदोलन में बीजेपी के सभी बड़े नेता सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. पार्टी ने नेताओं को जिलों में आंदोलन के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है.
इन नेताओं को सौंपी ज़िम्मेदारी
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रीवा, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह नरसिंहपुर, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भोपाल, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा रायसेन, सुमित्रा महाजन इंदौर, कैलाश विजयवर्गीय उज्जैन, प्रभात झा होशंगाबाद, उमाशंकर गुप्ता ग्वालियर, गौरीशंकर बिसेन सागर, नंदकुमार सिंह चौहान जबलपुर, वीडी शर्मा पन्ना, जयंत मलैया दमोह, यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी, कृष्णा गौर बैतूल, अभिलाष पांडे सिवनी, भूपेंद्र सिंह विदिशा और सीहोर में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर आंदोलन का नेतृत्व करेंगी. बीजेपी की कोशिश है कि किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा सके.
कांग्रेस का पलटवार
वहीं बीजेपी के आंदोलन पर प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार बोला है गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी पर किसानों के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाया है. मंत्री गोविंद सिंह ने राज्य सरकार के बजट से किसानों को राहत राशि देने का दावा किया है. इसके अलावा केंद्र से राशि नहीं मिलने पर बीजेपी के नेताओं को सलाह दी है कि विपक्ष केंद्र में जाकर प्रदेश सरकार के लिए जरूरी राशि दिलाने का काम करें. सरकार विपक्षी नेताओं को दिल्ली तक आने जाने का व्यवस्था देने का काम करेगी. राजस्व मंत्री ने प्रदेश के किसान और बाढ़ पीड़ितों के लिए विपक्ष गंभीर है तो उसे राज्य सरकार के साथ सहयोग कर दिल्ली से पैसा दिलाना चाहिए और प्रदेश सरकार के साथ भेदभाव करने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में धरना प्रदर्शन देना चाहिए ना कि प्रदेश में किसानों के मुद्दे पर सियासत होनी चाहिए. बहरहाल किसानों के मुद्दे पर प्रदेश में फिर से सियासत छिड़ती नजर आ रही है.
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