Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 नर्सिग घोटाले में फंसते नजर आ रहे विश्वास सारंग,शिवराज सिंह बचाने की मुहीम में | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » राज्य का पन्ना » नर्सिग घोटाले में फंसते नजर आ रहे विश्वास सारंग,शिवराज सिंह बचाने की मुहीम में

नर्सिग घोटाले में फंसते नजर आ रहे विश्वास सारंग,शिवराज सिंह बचाने की मुहीम में

June 1, 2024 9:53 am by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on नर्सिग घोटाले में फंसते नजर आ रहे विश्वास सारंग,शिवराज सिंह बचाने की मुहीम में A+ / A-

भोपाल– मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही है। घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की संलिप्तता उजागर होने के बाद अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री जांच से बचने की कोशिश में जुटे हैं।

मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह प्रधानमंत्री को लिखते हैं कि, ‘मध्य प्रदेश में विगत एक दशक से गूँज रहे व्यापम भर्ती घोटाले की स्याही अभी सूखी भी नही थी कि एक और नर्सिंग कॉलेज घोटाले ने राज्य की साख को तार-तार कर दिया है। इस मामले में राज्य सरकार की जिम्मेदार एजेंसियों और शीर्ष स्तर के राजनेता से लेकर नौकरशाह तक पूर्ण रूप् से लिप्त और हिस्सेदार है। हाल ही में आपकी बहुचर्चित एजेंसी CBI के अफसरों ने भी करोड़ों रूपये की रिश्वत खाकर उच्च न्यायालय के आदेश पर अब तक की गई जांच को संदिग्ध बना दिया है।’

सिंह ने आगे लिखा, ‘पिछली सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके अति करीबी मंत्री विश्वास सारंग इस नर्सिंग घोटाले से बच निकलने के लिये लगातार प्रयास कर रहे है। उनकी नाक के नीचे और संरक्षण प्राप्त नौकरशाहों ने करोड़ो रूपये का लेनदेन कर कोरोना काल में सारे मापदंडों के विरूद्ध जाकर सैकड़ो की तादाद में नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति शिक्षा माफिया को प्रदान कर दी। तत्कालीन मंत्री परिषद के सदस्यों की शह पर अफसरों ने म.प्र. नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता अधिनियम 2018 की धज्जियां उड़ाते हुए 300 से अधिक नर्सिंग कॉलेज खुलवा दिये। इन फर्जी कॉलेजों में न पर्याप्त स्थान था न ही वांछित बिस्तरों का अस्पताल। यही नही माइग्रेट फेकल्टी के नाम पर दूसरे राज्यों के शिक्षकों को इन संस्थाओं में कार्यरत दिखाकर धोखाधड़ी की।’

वे कहते हैं , कि शिक्षा माफिया और अफसरों के गठजोड़ ने हजारों छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। मंत्री स्तर से संरक्षण प्राप्त विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव से लेकर आयुक्त/संचालक तकनीकी शिक्षा ने नर्सिंग डिग्री और डिप्लोमा जैसे कोर्स की विश्वसनीयता संदिग्ध बना दी। मध्य प्रदेश सहित बाहर के राज्यों के नौजवानों के एडमीशन कागजी खानापूर्ति के लिये खुली छूट दे दी। बिना नर्सिंग कॉलेज में पढ़े डिग्री/डिप्लोमा प्राप्त ये हजारों छात्र प्रदेश के करोड़ों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर जनता से द्रोह किया गया है।

भ्रष्टाचार में गले-गले तक डूबे राज्य सरकार के अफसरों और फर्जी कॉलेजों को बचाने के लिये कॉलेज संचालकों ने सी.बी.आई. अफसरों को ही रिश्वत के जाल में समेट दिया। एक-एक फर्जी कॉलेज को ‘‘सही संचालन की टीप’’ के एवज में केन्द्रीय जांच एजेंसी सी.बी.आई. के अफसरों ने लाखों रूपये एक-एक कॉलेज संचालकों से लिये और करोड़ो रूपये की वसूली की। दिल्ली सी.बी.आई. की जांच में एडीशनल एस.पी. दीपक पुरोहित को बचाया जा रहा है। जबकि इस अधिकारी ने भी अनेक कॉलेजों की जांच कर क्लीनचिट दी थी। भ्रष्ट इंस्पेक्टर इसी के अधीन रैकेट चला रहे थे। आपका नारा है कि ‘‘न खाऊँगा, न खाने दूँगा’’ की बात को सी.बी.आई. के अफसरों ने हवा में उड़ा कर नर्सिंग कॉलेजों का भंडाफोड़ करने की जगह दलालों के माध्यम से करोड़ों रूपये बटोर चुके है। वो तो भला हो दिल्ली में बैठे सी.बी.आई. अफसरों का जिन्होने भोपाल में कार्यरत सी.बी.आई. के अफसरों को पर्याप्त साक्ष्य एवं दस्तावेज एकत्र कर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है।

दिग्विजय सिंह लिखते हैं दिल्ली मुख्यालय से दोषी अफसरों को सेवा से बर्खास्त कर एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। डायरेक्टर सी.बी.आई. का यह कदम स्वागत योग्य है। लेकिन करोड़ों के इस भ्रष्टाचार में चुप्पी साधे बैठी मध्यप्रदेश सरकार ने अपने यहां के दोषी कर्मचारियों को सेवा से बेदखल नही किया है। नर्सिंग घोटाले की जांच के साथ-साथ ‘‘व्यापम घोटाले’’ के प्रकरणों में आरोपियों को क्लीनचिट दी गई थी, ऐसे संदिग्ध प्रकरणों की पुनः जांच कराने का निर्णय लिया जाये। व्यापम के प्रकरणों के अनेक मामले संदिग्ध अधिकारियों ने बिना पूर्व जांच किये क्लोजर रिपोर्ट लगाई थी।

सिंह ने मांग करते हुए कहा कि दिल्ली मुख्यालय में पदस्थ ईमानदार पुलिस अफसरों की एक ‘‘स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम’’ गठित कर माननीय उच्च न्यायालय के माननीय सिटींग जज की देखरेख में समय-सीमा तय करते हुए मध्य प्रदेश में संचालित समस्त मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों की जांच कराई जाये। क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार स्वतः फंसने के डर से मामले की गहराई से जांच कराना नही चाह रही है। केन्द्रीय स्तर से सी.बी.आई. जांच कराने पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी, शिक्षा माफिया और सी.बी.आई. के स्थानीय अफसरों पर शिकंजा कस सकेगा तथा ऐसे दोषी अफसर जेल भी जायेंगे और सेवा से भी बर्खास्त होंगे।

नर्सिग घोटाले में फंसते नजर आ रहे विश्वास सारंग,शिवराज सिंह बचाने की मुहीम में Reviewed by on . भोपाल- मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही है। घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की संलिप्तता उजागर होने के बाद अब क भोपाल- मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले में एक के बाद एक नई परतें खुल रही है। घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की संलिप्तता उजागर होने के बाद अब क Rating: 0
scroll to top