(खुसुर-फुसुर)धर्मेन्द्र पैगवार-विश्व हिंदी सम्मेलन नहीं हुआ बहती गंगा हो गई। राजधानी में विदेश मंत्रालय द्वारा 10 सितंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के निमंत्रण मप्र के कई बड़े साहित्यकारों और हिंदी का मान बढ़ाने वालों के पास नहीं पहुंचे हैं। हालांकि इस सरकारी कार्यक्रम में पूरी भाजपा सेट हो गई है। कार्यक्रम के लिए जो सरकारी प्रतिनिधि मंडल की सूची जारी की गई है, उसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से लेकर कई राज्यपाल और देश के ख्यातिनाम लोग हैं। हालांकि हिंदी जगत में भोपाल का नाम रोशन करने वाले ज्ञान चतुर्वेदी और कैलाश चंद्र पंत का नाम इससे गायब है। चतुर्वेदी को तो पद्म अलंकरण भी मिल चुका है। जैसा कि ऊपर कहा गया है, गंगा बह रही है तो लोग हाथ भी खूब धो रहे हैं। इस सरकारी सूची में हिंदी के इन सेवकों के बजाए प्रदेश भाजपा के सह कार्यालय मंत्री राजेंद्र सिंह को जगह दी गई है। सूची के आने के बाद लोग भौचक हैं। सूची से रहस्योद्घाटन हुआ है कि सह कार्यालय मंत्री रहते भाजपा के खजांची का काम देख रहे सिंह हिंदी के विद्वान भी हैं।
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