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 कैसे पूरा होगा मीना की पढ़ाई का सपना? | dharmpath.com

Sunday , 8 June 2025

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कैसे पूरा होगा मीना की पढ़ाई का सपना?

इन विभागों के चक्कर से इस दृष्टिबाधित युवती का सपना ही टूट गया है। लेकिन मीना ने एक बार फिर आज महासमुंद कलेक्ट्रेट पहुंच अपनी फरियाद कलेक्टर से की, कि वह पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के अंतर्गत आने वाले बसना ब्लॉक के भंवरपुर (साजापाली) निवासी मीना साहू जन्मजात दृष्टिबाधित है, लेकिन उसके अंदर पढ़ने-लिखने की ललक बरकरार है। मगर जिले में दृष्टिबाधितों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वह पढ़ाई से वंचित हो गई। फिर भी उसने हार नहीं मानी और अपनी शिक्षा को लेकर वह हर उस विभाग में पहुंची, जहां से उसे मदद मिल सकती थी। लेकिन उसके हाथ खाली ही रह गए।

बीते सोमवार को मीना ने अपने पिता संतराम साहू के साथ फिर अपनी फरियाद लेर कलेक्टर के पास पहुंची।

मीना के पिता ने बताया कि वे मध्यम वर्गीय किसान हैं। मीना बचपन से ही पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसकी दृष्टिबाधिता हमेशा ही पढ़ाई में बाधक बनी। उम्र के साथ-साथ पढ़ाई की उसकी ललक भी बढ़ने लगी। उसने एक-दो बार स्कूल में दाखिले के लिए कोशिश की, लेकिन स्कूल में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए सुविधा न होने के कारण उसे प्रवेश नहीं मिला।

मीना ने बताया कि वह पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है, ताकि माता-पिता की मदद कर सके। उसने कहा कि जिले में भी दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा के लिए व्यवस्था कराना प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। वह इससे पहले कई विभागों में जा चुकी है, पर उसे कोई मदद नहीं मिली। फिर भी उसकी सारी उम्मीदें जिला प्रशासन पर टिकी हैं।

इस मामले में समाज कल्याण पंचायत विभाग (महासमुंद) के उपसंचालक आर.के. शर्मा का कहना है कि सरायपाली में बीआरसी के माध्यम से दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ऐसा केंद्र संचालित है, जहां ब्रेललिपि से पढ़ाई होती है। वहीं मीना को शिक्षा दिलाई जाएगी। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अंतर्गत उम्र के हिसाब से होने वाली परीक्षा में मीना को 8वीं की परीक्षा दिलाई जाएगी। इसके बाद आगे की पढ़ाई करवाएंगे।

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