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 बिहार चुनाव : ‘जनता’ और ‘जनार्दन’ के भरोसे नेता | dharmpath.com

Sunday , 8 June 2025

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बिहार चुनाव : ‘जनता’ और ‘जनार्दन’ के भरोसे नेता

मनोज पाठक

मनोज पाठक

पटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए जहां सभी राजनीतिक दल जनता के दरबार में हाजरी लगा रहे हैं, वहीं ये नेता जनार्दन को भी ‘खुश’ करने में लगे हैं। चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे नेता मतदाताओं को तो रिझाने में लगे ही हैं, ‘जनार्दन’ को भी प्रसन्न कर रहे हैं। कई नेता ग्रहों से मुक्ति के लिए विभिन्न तरह के पाठ भी करा रहे हैं।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद हों या उनके नए दोस्त बने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी हों या गिरिराज सिंह, सभी चुनाव प्रचार में जाने से पहले भगवान के दरबार में जा रहे हैं और पूजा-प्रार्थना कर रहे हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे पूर्व से ही धर्मिक मिजाज के व्यक्ति माने जाते रहे हैं, ऐसे में ये प्रतिदिन पूजा करने के बाद ही चुनाव प्रचार में निकलते हैं।

राजद के एक नेता की मानें तो लालू प्रसाद प्रतिदिन भगवान की शरण में पहुंचते हैं। लालू बिना पूजा-पाठ किए चुनाव प्रचार में नहीं निकलते हैं। यही कारण है कि उनके ललाट पर चंदन का टीका लगा रहता है।

इधर, गया के ज्योतिषी जगनारायण शास्त्री कहते हैं कि प्रतिद्वंदियों को परास्त करने के लिए नेता ‘बगलामुखी जाप’ और ‘गजेंद्र मोक्ष’ का पाठ करा रहे हैं। वे कहते हैं कि नेता अभी ज्योतिष और भगवान की शरण में पहुंच गए हैं।

पटना के पंडित जगदीश आचार्य कहते हैं कि कई नेता लगातार उनसे नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त दिखवाने आ रहे हैं। वे कहते हैं कि इन दिनों पितृपक्ष चल रहा है, ऐसे में तो कोई शुभ कार्य करना प्रतिबंधित माना जात है, परंतु उसमें भी शुभ मुहूर्त ढूंढ़ा जा रहा है।

हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान बताते हैं कि पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी भी बिना ईश्वर के दरबार में माथा टेके प्रचार की शुरुआत नहीं करते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी एक नेता की मानंे तो चुनाव प्रचार के क्रम में ही नहीं नीतीश कुमार प्रतिदिन की शुरुआत भगवान के दरवाजे पर सिर झुकाने के बाद ही करते हैं।

वैसे कुछ नेताओं कि विषय में तो यह भी कहा जा रहा है कि कई नेता चुनाव के पूर्व ही साधु-संतों और ज्योतिषियों के दरबार में पहुंचकर बेशकीमती पत्थर और रूद्राक्ष और मोती जैसे मालाओं का धारण कर चुके हैं।

यही नहीं कई नेता तो टोटकों का सहारा लेकर चुनावी अखाड़ों में ताल ठोंक रहे हैं। बक्सर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी अपने वाहन के आगे नींबू और हरी मिर्च की माला लटका कर प्रचार कर रहे हैं तो कई नेता प्रतिदिन अलग-अलग तरीके से शुभ मुहूर्त देखकर प्रचार पर निकल रहे हैं।

चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आलोक सिंह प्रतिदिन ‘जतरा’ बना कर घर से बाहर निकल रहे हैं। उनके एक कार्यकर्ता ने बताया कि नेता जी मंगलवार को जहां गुड़ खाकर घर से निकल रहे हैं तो बुधवार को धनिया और गुरुवार को राई को मुंह में रखकर प्रचार के लिए निकल रहे हैं।

कई नेता ऐसे भी मिले, जिनके निकलने के पूर्व घर के बाहर पात्र में पानी भरकर रखा जा रहा है, जिसे देखकर ‘जतरा बनाकर’ ही निकल रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। मतगणना आठ नवंबर को होगी।

बिहार चुनाव : ‘जनता’ और ‘जनार्दन’ के भरोसे नेता Reviewed by on . मनोज पाठकमनोज पाठकपटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए जहां सभी राजनीतिक दल जनता के दरबार में मनोज पाठकमनोज पाठकपटना, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में पांच चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए जहां सभी राजनीतिक दल जनता के दरबार में Rating:
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