Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 जर्मन बाला को भाया बिहारी दूल्हा | dharmpath.com

Monday , 16 June 2025

Home » धर्मंपथ » जर्मन बाला को भाया बिहारी दूल्हा

जर्मन बाला को भाया बिहारी दूल्हा

जमुई (बिहार), 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत के लोग आमतौर पर जहां पाश्चात्य संस्कृति के कायल हुए जा रहे हैं, वहीं विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भा रही है। यही नहीं, विदेशी मेमों (युवतियों) को अब भारतीय दूल्हा भी पसंद आने लगा है।

जमुई (बिहार), 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत के लोग आमतौर पर जहां पाश्चात्य संस्कृति के कायल हुए जा रहे हैं, वहीं विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भा रही है। यही नहीं, विदेशी मेमों (युवतियों) को अब भारतीय दूल्हा भी पसंद आने लगा है।

जर्मनी की एक बाला को भारतीय संस्कृति ऐसी भाई कि उसने भारतीय बनने का फैसला कर लिया। जर्मन युवती विक्टोरिया ने बिहार के जमुई पहुंचकर गिद्धौर प्रखंड के रतनपुर गांव के 30 वर्षीय युवक राज के साथ परिणय सूत्र में बंध गई।

जमुई निबंधन कार्यालय में कानूनी रूप से शादी के बंधन में बंधने को पहुंचे इन प्रेमी जोड़ों को देखने के लिए सोमवार को काफी लोग पहुंचे।

जर्मनी के हमबर्ग की रहने वाली विक्टोरिया की मुलाकात जमुई जिले के रतनपुर गांव के निवासी राज सिंह से वर्ष 2014 में गोवा में उस समय हुई थी, जब वह गोवा घूमने आई थी। राज गोवा स्थित एक टूरिज्म कंपनी में कार्यरत है।

राज बताते हैं कि इस मुलाकात के बाद दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। बकौल राज, “हम दोनों काफी करीब आ गए और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। विक्टोरिया को भी भारत का माहौल काफी पसंद आया।”

वहीं विक्टोरिया ने कहा, “राज की बातों व विचारों से प्रभावित होकर मैंने उसके साथ जीवन गुजारने का फैसला कर लिया।”

विक्टोरिया इसी साल छह मार्च को दुल्हन बनने के इरादे से भारत आई और राज के साथ जमुई के रतनपुर गांव पहुंची। राज के पिता नरेंद्र कुमार सिंह व माता तिलोत्तमा देवी से आदेश मिलने के बाद दोनों ने 11 मार्च को शादी के लिए जमुई स्थित निबंधन कार्यालय में आवेदन दिया और फिर 25 अप्रैल को कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों ने विधिवत शादी कर ली।

राज के माता-पिता भी विदेशी बहू पाकर बहुत उत्साहित हैं। राज के पिता ने आईएएनएस से कहा कि भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ पर विश्वास करती है, यानी सारे जहां को अपना रिश्तेदार मानती है। ऐसे में जाति और देश का बंधन रिश्तों पर भारी नहीं पड़ सकता। उनके लिए उनके बेटे की खुशी ही सवरेपरि है।

गांव में जश्न :

शादी का प्रमाणपत्र लेने के बाद परिणय सूत्र में बंधे विक्टोरिया ने कहा, “मुझे भारत की संस्कृति बहुत पसंद है। मैं इसे पूरी तरह अपनाने की कोशिश करूंगी। हालांकि मुझे थोड़ी कठिनाई होगी, लेकिन मैं पूरी कोशिश करूंगी।”

बहरहाल, एक जर्मन युवती का ‘बिहारिन’ बनना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

जर्मन बाला को भाया बिहारी दूल्हा Reviewed by on . जमुई (बिहार), 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत के लोग आमतौर पर जहां पाश्चात्य संस्कृति के कायल हुए जा रहे हैं, वहीं विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भा रही है। यही नही जमुई (बिहार), 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत के लोग आमतौर पर जहां पाश्चात्य संस्कृति के कायल हुए जा रहे हैं, वहीं विदेशियों को भारतीय संस्कृति खूब भा रही है। यही नही Rating:
scroll to top