अनिल सिंह (भोपाल)– डॉ . रामकृष्ण कुसुमारिया मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास का मध्यप्रदेश के कृषि विकास को यथोचित स्तर पर न पंहुचा पाने का दर्द सामने आ गया।
जब उनसे प्रदेश में युवाओं का कृषि के प्रति रुझान न होने,जैविक खेती के लिए पर्याप्त प्रचार होने के बाद भी वही ढाक के तीन पात की स्थिति होने,टर्मिनेटर जीन्स के बीजों का प्रभाव,देशी बीजों का योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करना आदि विषयों पर सवाल किये गए तो उन्होंने बड़े ही मुखरित तरीके से इन प्रश्नों के उत्तर दिए।
मुख्यमंत्री द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने का प्रयास क्यों विफल हुआ क्यों मुख्यमंत्री विपक्ष और जनता के सवालों के निशाने पर हैं इस पर कुसुमारिया जी का दर्द फट पड़ा,उन्होंने कहा की जब तक I A S अधिकारी हमारी सलाहों को नहीं मानेंगे,जब तक योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग नहीं प्रदान करेंगे तब तक नाना जी देशमुख का कृषि विकास का स्वप्न पूरा नहीं होगा।नाना जी के सपनों को उन्होंने अपना सपना माना।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंत्रियों की इस पीड़ा के बावजूद भ्रष्ट अधिकारीयों को संरक्षण प्रदान करने के नए नए अवसर प्रदान कर रहे हैं,यह चुनावी वर्ष है ,अब मुख्यमंत्री की सेना की पीड़ा बाहर आने लगी है,प्रदेश के विकास पुरुष द्वारा विकास न होने देना अब जनता के सामने है।देखें अगला चुनाव किस करवट बैठता है।
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