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पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव कोविड-19 की चपेट में, टीकाकरण की भी बुरी स्थिति

May 27, 2021 9:34 am by: Category: भारत Comments Off on पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव कोविड-19 की चपेट में, टीकाकरण की भी बुरी स्थिति A+ / A-

गोरखपुर- पिछले एक एक महीने से अधिक समय से पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों में बड़ी संख्या में हो रहीं मौतें भले सरकारी रिकॉर्ड में कोरोना वायरस से हुई मौत के रूप में दर्ज नहीं हुई हों, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े खुद साबित कर रहे हैं कि गांवों में लोगों की मौत प्राकृतिक नहीं, बल्कि इस महामारी से ही हुई हैं.

ये अभियान गांवों में कोविड टीकाकारण के खराब हालात की तरफ भी इशारा कर रहे हैं.

अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत की खबरें आने लगी थीं. बाद में स्थानीय मीडिया में भी गांवों में लोगों की मौत की खबरें प्रकाशित हुईं.

तमाम गांवों से मई महीने के एक पखवाड़े में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

गोरखपुर जिले के चौरीचौरा क्षेत्र के गौनर में एक पखवाड़े में 22, डुमरी खास में 20, राजधानी में 23 दिन में 55, पाली के चड़राव में 15, बड़हलगंज क्षेत्र के बैरिया खास में छह, ओझवली में 20, गोला क्षेत्र के पतरा गांव में 12 लोगों की मौत की खबर आई है.

इसी तरह कुशीनगर जिले के सेंदुुआर, खड्डा के रामपुर गोनहा, कसया क्षेत्र के खनखोरिया, फाजिलनगर क्षेत्र के सरैया महंत पट्टी, तमकुहीराज के अहिरौलीदान, कुबेरस्थान के साड़ी खुर्द आदि गांव में एक पखवारे में 10 से 20 लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के बैदा, नकईल, छपौली, गौरी बाजार के रैश्री, भलुअनी क्षेत्र के मौनगढ़वा आदि गांवों में बुखार, सांस फूलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

शुरू में स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में मौतों कारण प्राकृतिक बताते हुए कहा था कि अधिक उम्र के लोगों की ही मौत हुई है, लेकिन जब कई गांवों में कैंप लगाकर लोगों की कोविड जांच के लिए नमूने लिए गए और डोर-टू-डोर सर्वे हुआ तो वहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना के लक्षणों वाले और पॉजिटिव लोग मिले.

गोरखपुर जिले के गौनर गांव में 79 व्यक्तियों के नमूने लिए गए तो वहां आरटीपीसीआर की जांच में 24 व्यक्ति पॉजिटिव मिले. इसी तरह कुशीनगर जिले के अहिरौलीदान गांव में 102 नमूनों में 12 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

गोरखपुर जिले के सरदार नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. हरिओम पांडेय ने कहा, ‘गौनर गांव में सर्वे में 96 व्यक्तियों में बुखार, खांसी, सांस फूलने के लक्षण मिले, जिनमें से 78 ने जांच कराई. आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में 24 लोगों के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.’

उन्होंने कहा कि अब हम गांव में एक सप्ताह तक कैंप कर 30 फीसदी आबादी का नमूना जांचना चाहते हैं, ताकि कोरोना मरीजों की पहचान हो सके और उनका इलाज किया जा सके.

गोरखपुर जिले के ब्रह्मपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ. ईश्वर लाल ने बताया कि राजधानी गांव में कैंप लगाया जा रहा है. दूसरे टोलों में एक सप्ताह तक हम जांच अभियान चलाएंगे. हाल के दिनों में तीन दर्जन गांवों में कैंप लगाया गया है. हर गांव में दो से पांच व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहे हैं. अभी हमारे क्षेत्र में 50 एक्टिव केस हैं. पिछले डेढ़ महीने में 90 से अधिक पॉजिटिव केस आए थे.

कुशीनगर जिले के दुदही के प्रभारी एके पांडेय ने बताया कि हमारे क्षेत्र में एक्टिव केस 25 से अधिक हैं. गांवों में मौत की खबरें मिली हैं, लेकिन जांच न होने से कह नहीं सकते कि मौत का क्या कारण है.

गांवों में लोगों की मौत का कारण भले ही कोराना वायरस को न बताया गया हो, लेकिन डोर-टू-डोर सर्वे और संवेदीकरण अभियान की रिपोर्ट साफ तौर पर इशारा करती है कि गांव बुरी तरह से कोरोना की चपेट में हैं.

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