नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त सहयोगी अमित शाह रविवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष चुने गए। उनका चुनाव अध्यक्ष पद के पूरे तीन साल के कार्यकाल के लिए हुआ है।
शाह (51) का चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। भाजपा मुख्यालय में हुए इस चुनाव में पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता मौजूद थे। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शाह का नारों के साथ स्वागत किया।
भाजपा नेता अविनाश राय खन्ना ने मीडिया को बताया, “अमित शाह को निर्विरोध चुन लिया गया है।”
फ्रांस के राष्ट्रपति की अगवानी के लिए चंडीगढ़ जाने की वजह से प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर मौजूद नहीं थे। लेकिन, अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने शाह को बधाई दी।
मोदी ने कहा “भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित शाह के निर्वाचन पर बधाई। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी नई ऊंचाइयां तय करेगी।”
मोदी ने कहा, “अमित भाई के जमीनी स्तर पर उनके अथक परिश्रम और संस्थागत अनुभव से पार्टी को लाभ होगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शाह के दोबारा निर्वाचन पर उन्हें हार्दिक बधाई। वह पार्टी के सफलतम अध्यक्ष रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी विकास के पथ पर अग्रसर होगी और नई ऊंचाइयों और उपलब्धियों को हासिल करेगी।”
इस खास मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मौजूद नहीं थे। माना जाता है कि ये नेता शाह के काम करने के तौर-तरीके को पसंद नहीं करते।
शाह ने इस मौके पर कोई भाषण नहीं दिया। मीडिया से भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।
शाह युवावस्था में गुजरात में आरएसएस के संपर्क में आए थे। 1982 में उनकी मुलाकात मोदी से हुई। तब से दोनों नेताओं के बीच घनिष्ठता बनी हुई है। उन्होंने 1983 में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली और 1986 में भाजपा में शामिल हुए। चार बार विधायक चुने जा चुके शाह गुजरात के गृह मंत्री रह चुके हैं।