Monday , 29 April 2024

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एनएससीएन-आर कार्यकर्ता शांति समझौता विरोधी गुट से हाथ मिलाएंगे

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। नागालैंड शांति समझौते को एक झटका यह लग सकता है कि शांति समझौते में शामिल एक गुट नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड-रिफार्मेशन (एनएससीएन-आर) के कुछ कार्यकर्ताओं ने समझौता विरोधी गुट एनएससीएन-खापलांग में फिर से शामिल होने का फैसला किया है। इनका कहना है कि भारत सरकार और समझौते में शामिल नागा गुट उन पर निशाना साधकर ‘गंदी राजनीति खेल रहे हैं।’

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। नागालैंड शांति समझौते को एक झटका यह लग सकता है कि शांति समझौते में शामिल एक गुट नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालैंड-रिफार्मेशन (एनएससीएन-आर) के कुछ कार्यकर्ताओं ने समझौता विरोधी गुट एनएससीएन-खापलांग में फिर से शामिल होने का फैसला किया है। इनका कहना है कि भारत सरकार और समझौते में शामिल नागा गुट उन पर निशाना साधकर ‘गंदी राजनीति खेल रहे हैं।’

एनएससीएन-खापलांग से टूटकर अलग हुए एनएससीएन-आर के एक वरिष्ठ सदस्य का आरोप है कि उसके सदस्यों को असम राइफल्स द्वारा “मादक पदार्थो की तस्करी और उगाही के झूठे आरोप” में लगातार पकड़ा जा रहा है।

सदस्य ने कहा कि एनएससीएन-आईएमऔर एनएससीएन-यूनिफिकेशन नागालैंड में समानांतर सरकार चला रहे हैं। ये संगठन एनएससीएन-आर के कार्यकर्ताओंके खिलाफ मादक पदार्थो की तस्करी और उगाही की कहानियां गढ़ कर उन्हें पकड़ रहे हैं।

सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “सुरक्षा बलों, एनएससीएन (इसाक-मुइवा) और एनएससीएन(यूनीफिकेशन) के हाथों लगातार हमला और प्रताड़ना झेल रहे हमारे कुछ कार्यकर्ताओं ने सीमापार (म्यांमार) जाकर फिर से खापलांग का हाथ थामने का फैसला किया है। हम इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे प्रति दुर्भावना की वजह से अगर ऐसा होता है तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।”

सूत्रों ने आईएएनएस को यह भी बताया कि एनएससीएन-खापलांग के नेतृत्व ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे ‘पुनर्मिलन’ करार दिया है।

एनएससीएन-खापलांग प्रतिबंधित संगठन है। इसी ने जून में भारतीय सेना के काफिले पर धावा बोला था। उसके बाद से भारतीय सुरक्षा बल इसके खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसके दो शीर्ष नेताओं के बारे में सूचनाएं देने वाले के लिए 17 लाख रुपये इनाम का ऐलान किया हुआ है।

मोदी सरकार और नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नागालिम (इसाक-मुइवा) के बीच इसी साल अगस्त में शांति समझौते पर दस्तखत हुए थे।

मीडिया रपटों के मुताबिक, समझौते पर दस्तखत के बाद से एनएससीएन-आर के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को पकड़ा जा चुका है। एक सदस्य बीते महीने नागालैंड में सुरक्षा बलों के हाथ मारा भी गया है।

एनएससीएन-आर नागा गुटों में वह पहला गुट है, जिसने सार्वजनिक रूप से नागा शांति समझौते का समर्थन किया था। इस गुट के सदस्यों की संख्या 2,500 बताई जाती है।

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