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दुनिया में कहीं 7 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस

January 9, 2015 3:52 am by: Category: धर्मंपथ Comments Off on दुनिया में कहीं 7 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस A+ / A-

रूस में क्रिस्मस 7 जनवरी को मनाया जाता है और एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि क़रीब 70 प्रतिशत रूसी नागरिक आज क्रिस्मस का त्यौहार मना रहे हैं। 25 दिसम्बर को जब सारी दुनिया में क्रिस्मस का त्यौहार मनाया गया तब सिर्फ़ 6 प्रतिशत रूसी लोगों ने क्रिस्मस का त्यौहार मनाया था। वास्तव में ईसा मसीह का जन्म इसी दिन हुआ था।

पुराने जूलियन कलैण्डर के हिसाब से उस दिन 25 दिसम्बर की तारीख़ थी। बाद में जब नया ग्रिगोरियन कलैण्डर स्वीकार कर लिया गया तो उस नए कलैण्डर के हिसाब से ईसा मसीह का जन्मदिन सात जनवरी को पड़ने लगा। रूसी आर्थोडाक्स (सनातन) ईसाई धर्म के अनुयायियों ने यह तय किया कि वे ईसा मसीह का जन्मदिन उसी दिन मनाएँगे, जब वे पैदा हुए थे और वे इस हिसाब से 7 जनवरी को ही क्रिस्मस मनाते हैं। पहली बार रूस में जूलियन कैलेण्डर के हिसाब से 25 दिसम्बर सन् 988 को क्रिस्मस का त्यौहार मनाया गया था। तब रूस में सर्दियों में क्रिस्मस का त्यौहार ही एक प्रमुख त्यौहार था और नववर्ष का त्यौहार इतनी धूमधाम से नहीं मनाया जाता था, जितनी धूमधाम से आज मनाया जाता है। क्रिस्मस के दिन से बहुत पहले ही त्यौहार के लिए तैयारी शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की सफ़ाई किया करते हैं। क्रिस्मस की पूर्व सन्ध्या को ईसा मसीह के जन्म की रात गिरजे में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया जाता है, जिसमें उपस्थित रहना हर सच्चे ईसाई का कर्तव्य होता है। क्रिस्मस के दिन सुबह-सवेरे ही लोग नहा-धो करे तैयार हो जाते हैं। सुबह से ही मेहमानों के लिए खाने की मेज़ सजा दी जाती है और घर में बधाई देने के लिए आने वाले मेहमानों को तरह-तरह के पकवान परोसे जाते हैं। क्रिस्मस से 40 दिन पहले से ही लोग व्रत रखना शुरू करते हैं। इसलिए क्रिस्मस के दिन जब वे व्रत तोड़ते हैं तो भरपेट पकवान खाते हैं। क्रिस्मस के दिन रूस में मुख्य पकवान गोश्त के बने होते हैं।

रूस में क्रिस्मस से कई तरह के शगुन और अपशगुन भी जुड़े हुए हैं। जैसे क्रिस्मस के दिन सुबह-सवेरे सिर्फ़ सादा पानी पीने की प्रथा नहीं है। यह माना जाता है कि क्रिस्मस की सुबह जो व्यक्ति सादा पानी पी लेगा, उसे सारे साल बेहद प्यास लगेगी। इसी तरह क्रिस्मस के दिन कुछ सिलना, मोड़ना या बुनना भी मना है। इसलिए इस दिन कोई सिलाई-बुनाई का काम या ढलाई-बनाई का काम भी नहीं किया जाता क्योंकि यह माना जाता है कि इन कामों के करने के बाद कोई न कोई मुसीबत आकर रहेगी।

क्रिस्मस के दिन पुराने ज़माने में लोग न केवल नए कपड़े पहनते थे, बल्कि मुसीबत से बचने के लिए अपने चेहरों पर मुखौटे भी पहना करते थे। सारा दिन गलियों और सड़कों पर संगीत्कार अपना संगीत प्रस्तुत करते थे और स्त्रियाँ, पुरूष, युवा लड़के-लड़कियाँ और बच्चे नाचते रहते थे। क्रिस्मस पर पहले एक और प्रथा क्रिस्मस गीत गाने की थी। लोग झुण्ड बनाकर घर-घर जाते थे और क्रिस्मस गीत गाकर घर के मालिक के लिए ख़ुशहाली और सुख की कामना किया करते थे। घर का मालिक इन गायकों को खाने-पीने के लिए पकवान और पैसे देते थे।

हाल ही में कराए गए जन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि इस साल ज़्यादातर रूसी लोग क्रिस्मस का त्यौहार अपने घर पर ही, अपने परिवार के सदस्यों के साथ मना रहे हैं। क़रीब 10 प्रतिशत लोगों ने क्रिस्मस की पूर्व सन्ध्या पर महा गिरजे में आयोजित क्रिस्मस की विशेष प्रार्थना में भाग लिया।

 
रेडिओ रूस से

दुनिया में कहीं 7 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस Reviewed by on . [box type="info"]रूस में क्रिस्मस 7 जनवरी को मनाया जाता है और एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि क़रीब 70 प्रतिशत रूसी नागरिक आज क्रिस्मस का त्यौहार मना रहे [box type="info"]रूस में क्रिस्मस 7 जनवरी को मनाया जाता है और एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि क़रीब 70 प्रतिशत रूसी नागरिक आज क्रिस्मस का त्यौहार मना रहे Rating: 0
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