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 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की उड़ान | dharmpath.com

Monday , 9 June 2025

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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की उड़ान

एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम) सरकार की योजनाओं में तीव्र प्रगति के संक्रांति के दौर से गुजरते प्रतीक होते हैं, जबकि इन उपक्रमों का उद्देश्य धीमी और स्थिर बढ़त की शुरुआत को त्वरण देना रहा है। इन उपक्रमों के परिप्रेक्ष्य में देखें तो इनसे देश के सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत का दमदार योगदान है।

एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम) सरकार की योजनाओं में तीव्र प्रगति के संक्रांति के दौर से गुजरते प्रतीक होते हैं, जबकि इन उपक्रमों का उद्देश्य धीमी और स्थिर बढ़त की शुरुआत को त्वरण देना रहा है। इन उपक्रमों के परिप्रेक्ष्य में देखें तो इनसे देश के सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत का दमदार योगदान है।

केंद्र ने हाल ही में कारोबार को आसान बनाने के लिए कई तरह की योजनाओं की घोषणा की। उम्मीद है कि भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरेगा और वित्त मंत्रालय के आकलन पर ध्यान दें तो पिछला वित्तीय विकास दौर 7.3 के पायदान से आगे निकलने को उतावला था। मुख्य संचालन तंत्र के क्रियाशील होने के साथ ही इन उपक्रमों से और विकास सुनिश्चित होने की उम्मीद की जा रही है।

मौजूदा समय में विकसित देशों में 45 प्रतिशत रोजगार सृजित हुआ है। इस तरह इन उपक्रमों से सकल घरेलू उत्पाद में करीब 50 प्रतिशत का योगदान दिख रहा है। भारत में यह सकल घरेलू उत्पाद में अभूतपूर्व भूमिका निभा रहा है और इसमें 10 करोड़ 60 लाख कार्यबलों को रोजगार मिला है।

इस क्षेत्र में विनिर्माण उत्पादन के 45 प्रतिशत का योगदान है। इस तरह यह क्षेत्र कुल निर्यात का 40 प्रतिशत हैं। ये उपक्रम समूह के तहत 3 करोड़ 62 लाख से ज्यादा उपक्रम हैं, जिनमें 15 लाख 64 हजार पंजीकृत इकाइयां हैं। इन उपक्रमों के पंजीकरण के लिए आधार-उद्योग संबंधी व्यापारिक व्यवस्था को सरल बनाने का काम शुरू किया गया है। उपक्रमों के पुनरुद्धार संबंधी ढांचागत कार्य और प्रधानमंत्री रोजगार उत्पादन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी) भी संचालित है।

हालांकि कई उद्योगपतियों ने उपक्रमों की तीव्र प्रगति के पथ पर कई रुकावटों की मौजूदगी संबंधी अपनी चिंताओं को मुखर किया है, लेकिन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम संबंधी मंत्री कलराज मिश्र को भरोसा है कि इस क्षेत्र से तीव्र विकास का पहिया घूमेगा। सरकार को हाल में इस उपक्रम के लिए सरलीकृत आधार आधारित पंजीकरण प्रणाली के काफी उत्साहजनक जवाब मिले हैं। कम समय के भीतर इस योजना के तहत 800 पंजीकरण प्राप्त हुए।

प्रधानमंत्री के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम के तहत 2015-16 के दौरान करीब 118,196 लोगों को रोजगार मिला। मिश्र इनकी लोकप्रियता को धीरे-धीरे बहाल होने और खादी की बिक्री में वृद्धि के प्रति आशान्वित हैं। खादी और ग्रामोद्योग ने पिछले साल अक्टूबर 2014-15 के दौरान 17.55 प्रतिशत का रिकार्ड विकास किया था।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013-14 की तुलना में 2015-16 के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की उपलब्धियों में जबर्दस्त यानी दस गुना सुधार हुआ। मंत्रालय ने फेसबुक और ट्विटर पर अपने कार्यक्रमों, योजनाओं और आम जनता से सीधे संपर्क के लिए सूचनाओं और उद्देश्यों संबंधी जानकारी सार्वजनिक की। कुशलता विकास मिशन के तहत मंत्रालय नए उपक्रम या उद्योग के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के इरादे से हर साल आठ से नौ लाख लोगों को प्रशिक्षित कर रहा है।

इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से राष्ट्रीय कुशलता योग्यता ढांचाकार्य (एनएसक्यूएफ) के तहत एक समान कोष प्रदाता पद्धति का आगाज किया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम एमएसएमई-सैमसंग डिजिटल स्कूल फॉर डेवलपमेंट मोबाइल एप्स शुरू करने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

लुधियाना, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद, औरंगाबाद, वाराणसी, भुबनेश्वर, चेन्नई, मुंबई और कोलकाता जैसे 10 शहरों में ये मोबाइल एप्स सेवा स्थापित किए गए हैं जो तकनीकी रूप से साक्षर युवाओं के कुशलता विकास गतिविधियों संबंधी जरूरतों को पूरा करेंगे। (आईएएनएस/आईपीएन)

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