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 रिलायंस समूह के कर्मचारी का नाम गिनीज बुक में दर्ज | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

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रिलायंस समूह के कर्मचारी का नाम गिनीज बुक में दर्ज

कोयम्बटूर, 7 फरवरी (आईएएनएस)। देश के अग्रणी व्यापार समूह ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज’ के पॉलिस्टर डिविजन में काम करने वाले सी. जी. एस. मेनियन के उत्पादन प्रक्रिया में उत्सर्जन के दौरान ही अपशिष्ट पदार्थो को अलग करने के तैयार पाठ्यक्रम को गिनीज बुक में दर्ज कर लिया गया है।

पिछले साल कोयंबटूर में उन्होंने कचरा निस्तारण के लिए तैयार अपना शिक्षण सामग्री प्रस्तुत किया, जो पूरे एक घंटे तक चला और इसमें 12,994 लोगों ने भाग लिया।

गिनीज बुक में मेनियान के इस शिक्षण कार्यक्रम को रीसाइकिलिंग के लिए तैयार अब तक के सबसे बड़े शिक्षण सामग्री के तौर पर दर्ज किया गया है।

मेनियन पिछले 15 वर्षो से लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। उनके पर्यावरण के प्रति समर्पण को देख कर गत वर्ष 5 अगस्त को कोयंबटूर नगर निगम ने उन्हें अपने शिक्षण पाठ्यक्रम को पेश करने का न्योता दिया था।

दरअसल इस शिक्षण सत्र का का मुख्य मकसद अवशेष पृथक्करण, कचरे का निस्तारण, कचरे को पुनरोपयोग के लिए तैयार करना और उससे खाद बनाने से संबंधित व्यावहारिक संदेश बड़ी संख्या में स्थानीय घरों तक पहुंचाना था।

खास बात यह है कि पर्यावरणविद न केवल लोगों को ही यह सीख देते हैं, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रतिष्ठानों, कॉलोनियों और उनके आस-पास के इलाकों में भी अपना अभियान जोर शोर से चला रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उन्होंने कई तरीके अपनाए हैं जिनमें उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलों को संगृहीत करना और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें नष्ट करना भी शामिल है।

मेनियन कहते हैं, “ये परियोजनाएं मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसा नहीं है कि यह सब मैंने गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए किया है, बल्कि समाज की भलाई के लिए कर रहा हूं।”

मेनियन कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से भी जुड़े हैं जो जल स्रोतों को पुनस्र्थापना और वृक्षारोपण के कार्य में जुटे हैं। ऐसा ही एक संगठन ‘नामेद सिरुथुली’ है जो जल स्रोतों के नवीनीकरण, वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन के साथ-साथ जगरूकता अभियान चलाता है।

मेनियन के अभियान पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा, “यह अपशिष्ट के पुनरावर्तन, पुन: उपयोग और उसे कम करने के प्रति हमारी कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी कंपनी कैंसर को जन्म देने वाली एसबेस्टस का इस्तेमाल बंद करने के लिए प्लास्टिक का पुन: उपयोग करती है। इसके अलावा हानिकारक रंगों से निजात पाने हेतु रंगीन फैब्रिक का इस्तेमाल करती है। सचमुच यह स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रेरणादायी है।”

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बोतलों के सुरक्षित निस्तारण, उनके संग्रहण के लिए व्यवस्थित प्रणाली बनाना और उनसे फैब्रिक बनाना उनकी रणनीति है।

उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े आयोजनों जैसे आईपीएल मैचों आदि में कचरा निस्तारण से संबंधित होर्डिग्स लगाकर जागरूकता भी फैलाते हैं।

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