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 स्कूल में सम-विषम की तर्ज पर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई! | dharmpath.com

Sunday , 15 June 2025

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स्कूल में सम-विषम की तर्ज पर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई!

छपरा (बिहार), 31 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार ने वाहनों के निबंधन संख्या के आधार पर सम-विषम की व्यवस्था लागू की थी परंतु यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि बिहार के सारण जिले के एक स्कूल में पढ़ाई के लिए भी इसी तर्ज यानी एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियों की पढ़ाई होती है।

छपरा (बिहार), 31 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार ने वाहनों के निबंधन संख्या के आधार पर सम-विषम की व्यवस्था लागू की थी परंतु यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि बिहार के सारण जिले के एक स्कूल में पढ़ाई के लिए भी इसी तर्ज यानी एक दिन लड़के और एक दिन लड़कियों की पढ़ाई होती है।

ऐसा नहीं की यह व्यवस्था दिल्ली सरकार के ‘सम-विषम’ व्यवस्था के बाद लागू हुई है, सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के कन्हौली उच्च विद्यालय में यह व्यवस्था पिछले तीन वर्षो से बदस्तूर जारी है। इस स्कूल में एक दिन छात्राएं पढ़ने आती हैं तो दूसरे दिन छात्र।

प्रखंड के कन्हौली उच्च विद्यालय में छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 3,281 है। इसमें उच्च विद्यालय के अलावा 11 वीं में 250 छात्रों की संख्या शामिल है, जबकि पढ़ाई के लिए मात्र 12 कमरे उपलब्ध हैं। यहां कुल शिक्षकों की संख्या 20 है। आंकड़ों के हिसाब से एक शिक्षक पर लगभग 150 छात्रों का दायित्व है।

स्कूल प्रशासन भी इस व्यवस्था को गलत नहीं मानता है। स्कूल के प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश सिंह आईएएनएस से कहते हैं, “यहां जब से 11 वीं की पढ़ाई की स्वीकृति मिली तब से लगातार भवन निर्माण व अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की जा रही है। लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण मजबूरी में यह व्यवस्था लागू की गई है।”

स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस व्यवस्था को लेकर भले ही विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर समस्या आती हो परंतु सिलेबस (पाठ्यक्रम) को लेकर कोई समस्या नहीं होती। इस व्यवस्था से साल में छात्र-छात्राओं की छह-छह माह पढ़ाई हो पाती है।

प्रधानाध्यापक कहते हैं, “सिलेबस कभी अधूरा नहीं रहता। इसे पूरा करा दिया जाता है। छात्र-छात्राओं की संख्या के हिसाब से विद्यालय में कमरे और शिक्षक कम हैं। इस कारण स्कूल प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था अपने स्तर से लागू की है।”

इधर, सारण के जिला शिक्षा अधीक्षक (डीईओ) चंद्रशेखर पाठक मानते हैं कि किसी भी स्कूल के लिए यह व्यवस्था सही नहीं है। हालांकि वे यह भी मानते हैं जल्द ही कन्हौली उच्च विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाएगी तथा भवन निर्माण के लिए भी उचित कदम उठाया जाएगा।

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